एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 17 Dec 2021 06:23 AM IST
सार
पिछले कई सालों से सीमा पर चीन के साथ भारत का तनाव बरकरार है। इस पर अमेरिका की रक्षा एजेंसी पेंटागन ने भी भारत का साथ दिया है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन के सैन्य निर्माण से पेंटागन चिंतित है। हालांकि, रक्षा विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भारत, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है।
हेरिटेज फाउंडेशन के एशियन स्टडीज सेंटर के रिसर्च फेलो जेफ स्मिथ के मुताबिक, चीन सभी सीमाओं पर बेहद आक्रामक है, लेकिन सिर्फ भारतीय सीमा पर उसे बराबरी का प्रतिरोध मिला है, जिससे साफ हो गया कि भारत को डराना-धमकाना चीन के बूते की बात नहीं है।
पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आक्रामकता के समान है, जब नवंबर में चीन के जहाजों ने फिलीपीन की आपूर्ति नौकाओं को रोकने की कोशिश की थी। बीजिंग ने भारतीय सीमा के पास लंबी दूरी के रणनीतिक बमवर्षक विमान तैनात किए थे। हालांकि, भारत ने चीन का अधिक मुखर होकर राजनयिक व सैन्य प्रतिरोध किया है।
विस्तार
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन के सैन्य निर्माण से पेंटागन चिंतित है। हालांकि, रक्षा विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भारत, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है।
हेरिटेज फाउंडेशन के एशियन स्टडीज सेंटर के रिसर्च फेलो जेफ स्मिथ के मुताबिक, चीन सभी सीमाओं पर बेहद आक्रामक है, लेकिन सिर्फ भारतीय सीमा पर उसे बराबरी का प्रतिरोध मिला है, जिससे साफ हो गया कि भारत को डराना-धमकाना चीन के बूते की बात नहीं है।
पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आक्रामकता के समान है, जब नवंबर में चीन के जहाजों ने फिलीपीन की आपूर्ति नौकाओं को रोकने की कोशिश की थी। बीजिंग ने भारतीय सीमा के पास लंबी दूरी के रणनीतिक बमवर्षक विमान तैनात किए थे। हालांकि, भारत ने चीन का अधिक मुखर होकर राजनयिक व सैन्य प्रतिरोध किया है।
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