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तंजावुर में छात्रा की मौत का मामला: सीबीआई की जांच पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Mon, 14 Feb 2022 12:29 PM IST

सार

तमिलानडु की मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने तंजावुर में 12वीं की छात्रा की मौत के मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया था। इसके बाद इस आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल दी थी।

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तमिलनाडु के तंजावुर की छात्रा लावण्या  की मौत मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। इसके अलावा अदालत ने तमिलनाडु सरकार की सीबीआई जांच के खिलाफ दी गई याचिका पर नोटिस भी जारी कर दिया। अदालत ने पुलिस से कहा कि वह अपनी तरफ से जुटाए गए सबूत सीबीआई को सौंप दे और मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें।

मामले के दो पहलू: सुप्रीम कोर्ट
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए तमिलनाडु के डीजीपी द्वारा दायर अपील पर नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले के दो पहलू हैं, एक यह है कि आक्षेपित फैसले में कुछ टिप्पणियां दर्ज की गई हैं और दूसरा सीबीआई द्वारा जांच का निर्देश देने वाले अंतिम आदेश के संबंध में है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई की जांच में दखल देना उसके लिए उचित नहीं होगा लेकिन वह पहले पहलू पर नोटिस जारी करेगी।

जारी नोटिस का तीन सप्ताह में जवाब दे सकती है सरकार: सुप्रीम कोर्ट
पीठ ने कहा कि जारी नोटिस का तीन सप्ताह में जवाब दिया जा सकता है। इस बीच, जांच जारी रखने के आदेश के संदर्भ में जांच जारी है। बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 31 जनवरी को मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी।

जानिए क्या है पूरा मामला
मृत किशोरी तमिलनाडु के तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। वहां उसका कथित तौर पर उत्पीड़न किया गया और जिस हॉस्टल वार्डन उससे जबरन घरेलू काम करवाती थी। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। इसके बाद नाबालिग ने अपनी जान देने की कोशिश की। उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 

मृतका के माता-पिता ने अन्य इकाई से जांच की मांग की थी
मृतका के माता-पिता ने इस मामले की जांच के लिए राज्य पुलिस से उम्मीद न होने की बात कहते हुए क्राइम ब्रांच, अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) या किसी अन्य इकाई से जांच कराने की मांग की है।

विस्तार

तमिलनाडु के तंजावुर की छात्रा लावण्या  की मौत मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। इसके अलावा अदालत ने तमिलनाडु सरकार की सीबीआई जांच के खिलाफ दी गई याचिका पर नोटिस भी जारी कर दिया। अदालत ने पुलिस से कहा कि वह अपनी तरफ से जुटाए गए सबूत सीबीआई को सौंप दे और मद्रास हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें।

मामले के दो पहलू: सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए तमिलनाडु के डीजीपी द्वारा दायर अपील पर नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले के दो पहलू हैं, एक यह है कि आक्षेपित फैसले में कुछ टिप्पणियां दर्ज की गई हैं और दूसरा सीबीआई द्वारा जांच का निर्देश देने वाले अंतिम आदेश के संबंध में है। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई की जांच में दखल देना उसके लिए उचित नहीं होगा लेकिन वह पहले पहलू पर नोटिस जारी करेगी।

जारी नोटिस का तीन सप्ताह में जवाब दे सकती है सरकार: सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा कि जारी नोटिस का तीन सप्ताह में जवाब दिया जा सकता है। इस बीच, जांच जारी रखने के आदेश के संदर्भ में जांच जारी है। बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने 31 जनवरी को मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी।

जानिए क्या है पूरा मामला

मृत किशोरी तमिलनाडु के तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। वहां उसका कथित तौर पर उत्पीड़न किया गया और जिस हॉस्टल वार्डन उससे जबरन घरेलू काम करवाती थी। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। इसके बाद नाबालिग ने अपनी जान देने की कोशिश की। उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 

मृतका के माता-पिता ने अन्य इकाई से जांच की मांग की थी

मृतका के माता-पिता ने इस मामले की जांच के लिए राज्य पुलिस से उम्मीद न होने की बात कहते हुए क्राइम ब्रांच, अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) या किसी अन्य इकाई से जांच कराने की मांग की है।

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