देश में ड्रोन विनिर्माण को बढ़ावा देने लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत 14 कंपनियों का चयन किया गया है। नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार चुनी गई 14 ड्रोन कंपनियों में इस्राइल की कंपनी एल्बिट के साथ अडाणी का संयुक्त उद्यम और ‘आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी’ शामिल हैं।
पीएलआई योजना को पिछले वर्ष शुरू किया गया था। इसके जरिए ड्रोन और ड्रोन कलपुर्जा कंपनियों को अगले तीन वर्षों के लिए ‘मूल्यवर्धन’ का 20 प्रतिशत प्रोत्साहन दिया जाएगा। मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन कलपुर्जों से वार्षिक बिक्री राजस्व (जीएसटी का शुद्ध) घटाकर ड्रोन और ड्रोन कलपुर्जों की खरीद लागत (जीएसटी का शुद्ध) के रूप में की जाती है।
नागर विमानन मंत्रालय ने बुधवार को पीएलआई योजना के लाभार्थियों के रूप में चुनी गई 14 ड्रोन कंपनियों के नाम जारी किए। मंत्रालय ने दक्ष अनमैंड सिस्टम्स, आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, आईओटेकवर्ल्ड एविएशन, ओम्निप्रेजेंड रोबोट टेक्नोलॉजीज और राफे मफाइबर जैसी ड्रोन बनाने वाली पांच कंपनियों को लाभार्थियों के रूप में चुना है।
इसके अलावा एब्सॉल्यूट कंपोजिट्स, अडाणी-एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया, एड्रायटेक इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स, अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज, इन्वेंटग्रिड इंडिया, पारस एयरोस्पेस, एसएएसएमओएस एचईटी टेक्नोलॉजीज, जेडमोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स और जुप्पा जियो नेविगेशन टेक्नोलॉजीज जैसी नौ ड्रोन कलपुर्जा कंपनियों को भी पीएलआई योजना के लिए चुना गया है।
नागर विमानन मंत्रालय ने 10 मार्च को पीएलआई योजना के लिए ड्रोन उद्योग से आवेदन आमंत्रित किए थे। मंत्रालय ने 16 सितंबर, 2021 को तीन वित्तीय वर्षों में 120 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ ड्रोन और ड्रोन कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी।
मंत्रालय ने बुधवार को कहा, लाभार्थियों की सूची का और विस्तार होने की संभावना है क्योंकि कुछ और निर्माताओं के वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पात्रता मानदंड से अधिक होने की संभावना है। इसमें उल्लेख किया गया है, “पीएलआई लाभार्थियों की अंतिम सूची उनके वित्तीय परिणामों और अन्य निर्दिष्ट दस्तावेजों की विस्तृत जांच के बाद 30 जून तक जारी होने की उम्मीद है।”
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 16 सितंबर, 2021 को कहा था कि भारतीय ड्रोन उद्योग का कारोबार 2026 तक 15,000 करोड़ रुपये तक का होगा क्योंकि सरकार ने पीएलआई योजना के साथ इस क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा दिया है।