वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: अजय सिंह
Updated Mon, 18 Oct 2021 12:02 PM IST
सार
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सितंबर में समाप्त तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही है।
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विस्तार
चीन महामारी के प्रभाव से सबसे पहले उबरने वाले देशों में है। चालू साल के शुरुआती कुछ महीनों में चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी थी। लेकिन अब संपत्ति बाजार में गिरावट, बिजली संकट और उपभोक्ता धारणा कमजोर पड़ने से चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ रही है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर सितंबर में समाप्त तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही है। इससे पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.9 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। वहीं पहली तिमाही में चीन का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 18.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी करते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा कि चालू साल की पहली तीन तिमाहियों में चीन की आर्थिक वृद्धि दर में उपभोग का हिस्सा 64.8 प्रतिशत रहा है। फू ने कहा, ‘अंतराष्ट्रीय स्तर पर मौजूदा अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं और घरेलू अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार अभी अस्थिर और असंतुलित है।’
आंकड़ों के अनुसार, पहली तीन तिमाहियों में उपभोक्ता सामान की कुल बिक्री 31,800 अरब युआन या 4,900 अरब डॉलर रही है। वहीं पहली तीन तिमाहियों में चीन का औद्योगिक उत्पादन 11.8 प्रतिशत बढ़ा है।
तीसरी तिमाही के दौरान कारखाना उत्पादन, खुदरा बिक्री, निर्माण और अन्य गतिविधियों में निवेश कमजोर पड़ा है। चीन के निर्माण क्षेत्र में लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ। इस क्षेत्र की वृद्धि काफी धीमी पड़ गई है। पिछले साल नियामकों ने बिल्डरों द्वारा अत्यधिक कर्ज लिए जाने की वजह से क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाया था। चीन के सबसे बड़े समूहों में से एक एवरग्रैंड बांडधारकों को अरबों डॉलर के भुगतान के लिए संघर्ष कर रहा है। बिजली कटौती की वजह से सितंबर में चीन का विनिर्माण भी प्रभावित हुआ है।