वर्ल्ड डेस्क, अमर अजाला, बैंकॉक
Published by: सुभाष कुमार
Updated Fri, 10 Dec 2021 12:59 AM IST
सार
दक्षिण-पूर्व एशिया में हाई प्रोफाइल सैन्य और सरकारी संगठन को हैकरों ने ‘फनीड्रीम’ और ‘चिनोक्सी’ जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर निशाना बनाया। ये सॉफ्टवेयर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग।
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
मैसाच्युसेट्स स्थित ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ के चेतावनी अनुसंधान मंडल ‘इन्सिक्ट ग्रुप’ के अनुसार, हैकर्स के खास निशाने पर थाईलैंड का प्रधानमंत्री कार्यालय और सेना, इंडोनेशिया-फिलीपींस की नौसेनाएं, वियतनाम की नेशनल असेंबली और उसकी कम्युनिस्ट पार्टी का केंद्रीय कार्यालय तथा मलेशिया का रक्षा मंत्रालय है। ये सभी देश दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताते हैं।
समूह ने बताया कि दक्षिण-पूर्व एशिया में हाई प्रोफाइल सैन्य और सरकारी संगठन को हैकरों ने ‘फनीड्रीम’ और ‘चिनोक्सी’ जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर निशाना बनाया। ये सॉफ्टवेयर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि चीन के सरकार प्रायोजित कई समूह इसका इस्तेमाल करते हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने अभी इन आरोपों पर जवाब नहीं दिया है।
चीनी प्राधिकारियों के बयान खारिज
चीनी प्राधिकारियों ने हमेशा से हैकिंग को सरकार द्वारा समर्थन दिए जाने से लगातार इनकार किया है और इसके बजाय उनका कहना है कि चीन खुद साइबर हमलों का प्रमुख निशाना है। लेकिन ‘इन्सिक्ट ग्रुप’ ने बताया कि मलयेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम शीर्ष तीन देश हैं जो साइबर हमलों के निशाने पर हैं। साथ ही म्यांमार, फिलीपींस, लाओस, थाईलैंड, सिंगापुर और कंबोडिया भी हैकरों के निशाने पर हैं।
पीएमओ, सैन्य प्रतिष्ठानों की साइबर जासूसी
सभी देशों को इस रिपोर्ट के नतीजे के बारे में अक्तूबर में भी सूचित किया गया था। उसने कहा, 2021 में इन्सिक्ट ग्रुप ने दक्षिण चीन सागर पर दावा जताने वाले देश वियतनाम, मलयेशिया व फिलीपींस के प्रधानमंत्री कार्यालयों, सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी विभागों को लगातार निशाना बनाते हुए साइबर जासूसी अभियान का पता लगाया। इसी दौरान इंडोनेशिया और थाईलैंड में कुछ संगठनों को भी निशाना बनाया गया।