टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Wed, 26 Jan 2022 05:23 PM IST
सार
अपनी क्रिप्टोकरेंसी Diem को बेचने के लिए मेटा (फेसबुक) निवेशकों से बात कर रहा है। मेटा की क्रिप्टोकरेंसी का विरोध नियामकों ने भी किया था। फेसबुक ने इसके लिए सिल्वरगेट बैंक के साथ साझेदारी भी की थी।
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विस्तार
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी क्रिप्टोकरेंसी Diem को बेचने के लिए मेटा (फेसबुक) निवेशकों से बात कर रहा है। मेटा की क्रिप्टोकरेंसी का विरोध नियामकों ने भी किया था। फेसबुक ने इसके लिए सिल्वरगेट बैंक के साथ साझेदारी भी की थी।
शुरुआत में पेपाल, उबर, स्पॉटिफाई, वीजा और मास्टरकार्ड के साथ भी कंपनी ने हाथ मिलाया था। इससे पहले 2019 में ही भारत सरकार ने भी फेसबुक की क्रिप्टोकरेंसी को हरी झंडी देने से इनकार कर दिया था। Diem का इस्तेमाल फेसबुक मैसेंजर से लेकर व्हाट्सएप तक में होने वाला था जो कि नियामक को पसंद नहीं था।
फेसबुक के लिब्रा को लेकर रेगुलेटर्स (नियामक) को शुरू से ही दिक्कत थी। नियामक ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से लिब्रा को लेकर कई सवाल भी पूछे थे। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव ने लिब्रा को लेकर अवैध गतिविधियों के होने की चिंता जाहिर की थी।
2019 के अक्तूबर में ही फेसबुक के लिब्रा प्रोजेक्ट से उसके कई पार्टनर्स ने हाथ पीछे खींच लिया था। जिन कंपनियों ने फेसबुक के लिब्रा को बाय-बाय कहा है उनमें पेपाल, स्ट्राइप, वीजा, मास्टरकार्ड और ईबे जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों ने कहा था कि फेसबुक की डिजिटल करेंसी लिब्रा का समर्थन तो करती हैं लेकिन उसका हिस्सा बनना नहीं चाहती हैं।