वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: मुकेश कुमार झा
Updated Tue, 09 Nov 2021 09:35 AM IST
सार
पाकिस्तान के बड़े कारोबारियों में शुमार व महीने तक मुल्क के वित्त मंत्री रहे शौकत तरीन ने कहा कि देश में टैक्स न देने वालों को वोट करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उनके इस बयान से मुल्क में विवाद खड़ा हो गया है।
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विस्तार
टैक्स नहीं तो वोट भी नहीं
सोमवार को इस्लामाबाद में कामयाब जवान कार्यक्रम में संबोधित करते हुए तरीन ने कहा, पाकिस्तान के तमाम कारोबारियों से मैं एक बात जोर देकर कहना चाहता हूं। हर बिजनेसमैन को टैक्स तो देना ही होगा। अगर वो टैक्स नहीं देंगे तो फिर उन्हें वोटिंग का अधिकार भी नहीं मिलेगा। इनकम टैक्स और जीएसटी देंगे तो बाकी टैक्स में कटौती की जी सकती है। अब हम लोगों से टैक्स देने की भीख नहीं मांगेंगे। अगर छोटे और मध्यम कारोबार और आईटी सेक्टर वालों के पास पैसा नहीं है तो सरकार उनकी मदद करने को तैयार है। तरीन के इस बयान ने मुल्क में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
1960 के दशक में हम आर्थिक रूप से मजबूत थे- तरीन
उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, ‘1960 के दशक में, हम चीन और जापान जैसी अर्थव्यवस्थाओं में गिने जाते थे, उस समय हम आर्थिक रूप से मजबूत थे। सरकार मानव संसाधन पूंजी और छोटे व मध्यम उद्यमों (एसएमई) पर ध्यान केंद्रित कर रही थी। तारिन ने आगे कहा कि सरकार पाकिस्तान के पिछले आर्थिक गौरव को वापस लाना चाहती है।’
कौन हैं शौकत तरीन
बता दें कि शौकत तरीन पाकिस्तान के बड़े कारोबारियों में शुमार हैं। पैंडोरा पेपर्स के मुताबिक, शौकत के नाम चार कंपनियां रजिस्टर्ड हैं और सभी दूसरे देशों में हैं। पिछले महीने तक मुल्क के वित्त मंत्री थे, लेकिन वे सीनेट के लिए नहीं चुने जा सके तो उन्हें पद छोड़ना पड़ा और इमरान ने उन्हें रातों-रात अपना वित्तिय सलाहकार बना दिया। मालूम हो कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। पिछले महीने तक शौकत तरीन मुल्क के वित्त मंत्री थे। शौकत के भाई जहांगीर तरीन पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं।