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झटका: एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को राहत नहीं, अदालत ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका

झटका: एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को राहत नहीं, अदालत ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 05 Mar 2022 11:46 AM IST

सार

Chitra Ramkrishna Anticipatory Bail Plea Dismiss: एनएसई को-लोकेशन मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को बड़ा झटका दिया है। शनिवार को अदालत ने उनके अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। 

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को बड़ा झटका दिया है। शनिवार को अदालत ने उनके अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।  

बता दें कि इस मामले में बीते दिनों केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि वही हिमालयन योगी हैं। आनंद सुब्रमण्यम पर आरोप है कि वह एनएसई के कामकाज में दखल देते थे। इसके साथ ही वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं। चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थी। 

एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सीबीआई की जांच से यह बात निकलकर आई है कि इस मामले में सेबी की तरफ से सीबीआई को ऑडिट डाक्युमेंट और दूसरे ईमेल शेयर करने में देरी हुई है। इस केस का 2018 में ऑडिट हुआ था जबकि 2018 में ही एफआईआर भी की गई थी लेकिन सेबी ने मामले से संबंधित रिपोर्ट और मुख्य आरोपियों के बीच हुए ईमेल की कॉपी सीबीआई को 2019 में दी।

विस्तार

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को बड़ा झटका दिया है। शनिवार को अदालत ने उनके अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।  

बता दें कि इस मामले में बीते दिनों केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमण्यम को चेन्नई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि वही हिमालयन योगी हैं। आनंद सुब्रमण्यम पर आरोप है कि वह एनएसई के कामकाज में दखल देते थे। इसके साथ ही वह एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सलाह दिया करते थे और वह उनके इशारे पर काम किया करती थीं। चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थी। 

एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सीबीआई की जांच से यह बात निकलकर आई है कि इस मामले में सेबी की तरफ से सीबीआई को ऑडिट डाक्युमेंट और दूसरे ईमेल शेयर करने में देरी हुई है। इस केस का 2018 में ऑडिट हुआ था जबकि 2018 में ही एफआईआर भी की गई थी लेकिन सेबी ने मामले से संबंधित रिपोर्ट और मुख्य आरोपियों के बीच हुए ईमेल की कॉपी सीबीआई को 2019 में दी।

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