न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 27 Nov 2021 08:32 AM IST
सार
गगनयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का एक मिशन है। इस मिशन के तहत तीन अंतरिक्ष उड़ानों को कक्षा में भेजा जाएगा। इन तीन मिशनों में से दो मानवरहित होंगे, जबकि एक मानव युक्त मिशन होगा।
केंद्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि गगनयान मिशन के तहत दो मानवरहित उड़ानें अगले साल जनवरी में रवाना होंगी। वहीं इंडियन क्रू को ले जाने वाली तीसरी उड़ान साल 2023 में रवाना होगी। जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की पहली भारतीय क्रू को ले जाने वाली उड़ानें आजादी के 75 साल पूरे होने पर अगले साल 15 अगस्त को जाने वाली थीं। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2018 में किया था। लेकिन, कोरोना वायरस महामारी के चलते सिस्टम, सबसिस्टम के निर्माण और ट्रायल में देरी हुई। इसके साथ ही क्रू की ट्रेनिंग भी प्रभावित हुई, जिसके चलते मिशन में देरी हो गई।
समुद्र और अंतरिक्ष मिशन साथ चलाने की योजना: जितेंद्र सिंह
जितेंद्र सिंह उम्मीद कर रहे हैं कि मानवयुक्त उड़ान देश के गहरे समुद्र में मिशन के साथ मेल खाए। समय ऐसा होना चाहिए कि हम एक आदमी को अंतरिक्ष में भेज दें और साथ ही एक आदमी को समुद्र में 5,000 मीटर नीचे भेज दें। उन्होंने कहा कि गहरे समुद्र में खोज अभियान थोड़ा पीछे चल रहा था, लेकिन अब यह गति पकड़ चुका है और हम पहले ही एक मॉड्यूल का परीक्षण कर चुके हैं।
विस्तार
केंद्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि गगनयान मिशन के तहत दो मानवरहित उड़ानें अगले साल जनवरी में रवाना होंगी। वहीं इंडियन क्रू को ले जाने वाली तीसरी उड़ान साल 2023 में रवाना होगी। जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की पहली भारतीय क्रू को ले जाने वाली उड़ानें आजादी के 75 साल पूरे होने पर अगले साल 15 अगस्त को जाने वाली थीं। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2018 में किया था। लेकिन, कोरोना वायरस महामारी के चलते सिस्टम, सबसिस्टम के निर्माण और ट्रायल में देरी हुई। इसके साथ ही क्रू की ट्रेनिंग भी प्रभावित हुई, जिसके चलते मिशन में देरी हो गई।
समुद्र और अंतरिक्ष मिशन साथ चलाने की योजना: जितेंद्र सिंह
जितेंद्र सिंह उम्मीद कर रहे हैं कि मानवयुक्त उड़ान देश के गहरे समुद्र में मिशन के साथ मेल खाए। समय ऐसा होना चाहिए कि हम एक आदमी को अंतरिक्ष में भेज दें और साथ ही एक आदमी को समुद्र में 5,000 मीटर नीचे भेज दें। उन्होंने कहा कि गहरे समुद्र में खोज अभियान थोड़ा पीछे चल रहा था, लेकिन अब यह गति पकड़ चुका है और हम पहले ही एक मॉड्यूल का परीक्षण कर चुके हैं।
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