न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Fri, 25 Mar 2022 10:27 AM IST
लद्दाख मामले में अब तक 15 बार सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता हो चुकी है, लेकिन कई क्षेत्रों को लेकर गतिरोध कायम है। बीते दो सालों में कोरोना महामारी के चलते चीन के किसी नेता की भारत यात्रा नहीं हुई थी। इसी दौरान लद्दाख गतिरोध को लेकर भी तनाव बढ़ गया था।
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लंबे अरसे बाद भारत यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिलने दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित उनके दफ्तर पहुंचे। यी आज ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (lLAC) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध को लेकर चीन व भारतीय पदाधिकारियों के बीच सीधी चर्चा हो सकती है।
लद्दाख मामले में अब तक 15 बार सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता हो चुकी है, लेकिन कई क्षेत्रों को लेकर गतिरोध कायम है। बीते दो सालों में कोरोना महामारी के चलते चीन के किसी नेता की भारत यात्रा नहीं हुई थी। इसी दौरान लद्दाख गतिरोध को लेकर भी तनाव बढ़ गया था। गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प भी हुई। भारत-चीन के बीच 1962 की जंग के बाद यह पहला ऐसा संघर्ष था।
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लंबे अरसे बाद भारत यात्रा पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिलने दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित उनके दफ्तर पहुंचे। यी आज ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (lLAC) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी गतिरोध को लेकर चीन व भारतीय पदाधिकारियों के बीच सीधी चर्चा हो सकती है।
लद्दाख मामले में अब तक 15 बार सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता हो चुकी है, लेकिन कई क्षेत्रों को लेकर गतिरोध कायम है। बीते दो सालों में कोरोना महामारी के चलते चीन के किसी नेता की भारत यात्रा नहीं हुई थी। इसी दौरान लद्दाख गतिरोध को लेकर भी तनाव बढ़ गया था। गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना के बीच हिंसक झड़प भी हुई। भारत-चीन के बीच 1962 की जंग के बाद यह पहला ऐसा संघर्ष था।