एजेंसी, बीजिंग
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 25 Jul 2021 12:55 AM IST
अमेरिका-चीन (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : ANI
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बता दें कि अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन का चीन दौरा सुनिश्चित हो चुका है। इस बीच चीन ने यह फैसला अमेरिका के उस कदम के जवाब में उठाया है जिसके तहत अमेरिका पहले ही हांगकांग में चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है। बाइडन प्रशासन ने चीनी फैसले को ‘निरर्थक’ और ‘निराशावादी’ करार दिया है।
पिछले सप्ताह ही अमेरिका ने हांगकांग में चीनी दबदबे के बाद व्यापारिक समुदाय को खतरे की चेतावनी दी थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीनी सुरक्षा कानून से हांगकांग के नागरिकों और व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। नए प्रतिबंधों का एलान करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध हांगकांग में कारोबार का माहौल खराब करने के लिए लगाए गए हैं। इसी के जवाब में चीन अमेरिकी वाणिज्य मंत्री समेत सात अमेरिकी नागरिकों व संगठनों पर प्रतिबंध लगा रहा है।
रॉस ने खड़ी कीं चीनीं कंपनियों के लिए बाधाएं
चीन ने अमेरिका के जिस पूर्व वाणिज्य मंत्री पर हांगकांग में प्रतिबंध लगाया है उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में चीन की नामी कंपनी हुवावे के कारोबार पर भी बाधाएं खड़ी की थीं। उन्होंने उन चीनी कंपनियों की संख्या बढ़ा दी थी जो पहले लाइसेंस लिए बिना अमेरिकी कंपनियों के साथ कारोबार नहीं सकतीं थीं। ऐसे में कई चीनी कंपनियों के सामने अमेरिका के साथ कारोबार का संकट पैदा हो गया।
रोक के बावजूद अमेरिका अपने फैसलों पर अडिग
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका चीन के इन प्रतिबंधों के बाद भी अपने फैसलों पर ‘अडिग’ है। उन्होंने कहा, ये पाबंदियां ताजा उदाहरण हैं कि चीन कैसे राजनीतिक संदेश भेजने के लिए लोगों, कंपनियों और सिविल सोसायटी संस्थानों को सजा देता है। बता दें कि दोनों देशों के बीच पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय से ही रिश्ते बिगड़ने लगे थे।