एजेंसी, इस्लामाबाद।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 27 Feb 2022 02:32 AM IST
सार
आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने बताया कि उसने वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-जनवरी की अवधि में 11.8 अरब डॉलर का सकल विदेशी कर्ज बुक किया है।
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विस्तार
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के हवाले से आर्थिक विशेषज्ञ ताहिर अब्बास ने कहा है कि किसी ने भी ऐसी उम्मीद नहीं की थी कि घाटा इतने ऊंचे स्तर तक बढ़ जाएगा। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि चालू खाता घाटा काफी हद तक पूरी तरह से वित्तपोषित प्रकार के आयात के कारण बढ़ा है।
इसका बढ़ना यूक्रेन संकट के चलते अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से जायादा होने के कारण भी माना जा रहा है।
जबकि एसबीपी के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार के कुल ऋण शेयरों में 8 फीसदी की वृद्धि दिखाई गई है जिसके चलते कुल घरेलू और विदेशी कर्ज अब तक के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, यदि हालात पर तुरंत काबू नहीं पाया गया तो जनता के सामने महंगाई दिक्कत पैदा कर देगी।
देश में बढ़ रही आर्थिक अराजकता : भुट्टो
पाकिस्तान में विपक्षी दल पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो ने कहा है कि देश कर्ज के जाल में बुरी तरह से फंस चुका है और इमरान खान सरकार ऋण कते नए साधन तलाश रही है। सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने के तरीके खोजने में व्यस्त है जबकि मौजूदा ऋण उत्पाद बढ़ती उधारी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं। ऐसे में देश में आर्थिक अराजकता बढ़ती जा रही है
गरीबी की दर बढ़ने की आशंका
हमेशा उच्च रहने वाला चालू घाटा आंकड़ा ऐसे वक्त में आया है जब दिसंबर में पाकिस्तान का कर्ज और देनदारियां 51.724 खरब रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने बताया कि उसने वित्त वर्ष 2021-22 की जुलाई-जनवरी की अवधि में 11.8 अरब डॉलर का सकल विदेशी कर्ज बुक किया है। ऐसे में कर्ज के बढ़ते जाल के बीच देश में गरीबी की दर और अधिक बढ़ने की आशंका है।
सोमवार से तेल कीमतें 8-10 रु. प्रति लीटर बढ़ने की संभावना
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सभी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें सोमवार से आठ से 10 रुपये तक बढ़ने की संभावना है। इसकी एक वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ना भी है। जबकि असली कारण पेट्रेलियम लेवी के साथ मुद्रा अवमूल्यन होना है। पेट्रोल और हाई स्पीड डीजल की कीमतों में क्रमश: 5.60 रुपये और 4.50 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसी तरह, मिट्टी के तेल और हल्के डीजल तेल की कीमतों में क्रमश: 4 रुपये और 3.70 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है।
