सार
आरोपी ने 12 अक्तूबर को लड़की का अपहरण कर लिया जब वह सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में अपने घर के पास खेल रही थी और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया।
गुजरात में एक विशेष अदालत ने आरोपी को चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम मामलों की विशेष अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर उम्रकैद की सजा दी।
आरोपी का नाम अजय निषाद है। यह उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है। अदालत के विशेष न्यायाधीश पी एस काला ने आरोपी को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी अजय निषाद को 13 अक्तूबर को सूरत पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
घर के पास खेल रही बच्ची का आरोपी ने कर लिया था अपहरण
अजय निषाद विवाहित है वह खुद तीन बच्चों का बाप है। आरोपी ने 12 अक्तूबर को लड़की का अपहरण कर लिया जब वह सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में अपने घर के पास खेल रही थी और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस को तलाशी के दौरान सुनसान जगह पर मिला।
आरोप पत्र अजय निषाद की गिरफ्तारी के दस दिनों के भीतर दायर किया गया था, जबकि अदालत ने 25 अक्तूबर से शुरू होने वाले पांच दिनों में मुकदमे को समाप्त कर दिया था जब आरोप तय किए गए थे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह पहला मौका है जब गुजरात की किसी निचली अदालत ने इतने कम समय में फैसला सुनाया है। एक वकील ने कहा कि अदालत ने कुछ दिनों में रात 12 बजे तक काम किया।
विस्तार
गुजरात में एक विशेष अदालत ने आरोपी को चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम मामलों की विशेष अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर उम्रकैद की सजा दी।
आरोपी का नाम अजय निषाद है। यह उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है। अदालत के विशेष न्यायाधीश पी एस काला ने आरोपी को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपी अजय निषाद को 13 अक्तूबर को सूरत पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
घर के पास खेल रही बच्ची का आरोपी ने कर लिया था अपहरण
अजय निषाद विवाहित है वह खुद तीन बच्चों का बाप है। आरोपी ने 12 अक्तूबर को लड़की का अपहरण कर लिया जब वह सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में अपने घर के पास खेल रही थी और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस को तलाशी के दौरान सुनसान जगह पर मिला।
आरोप पत्र अजय निषाद की गिरफ्तारी के दस दिनों के भीतर दायर किया गया था, जबकि अदालत ने 25 अक्तूबर से शुरू होने वाले पांच दिनों में मुकदमे को समाप्त कर दिया था जब आरोप तय किए गए थे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह पहला मौका है जब गुजरात की किसी निचली अदालत ने इतने कम समय में फैसला सुनाया है। एक वकील ने कहा कि अदालत ने कुछ दिनों में रात 12 बजे तक काम किया।
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