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गणतंत्र दिवस झांकी विवाद: नेताजी पर आधारित बंगाल की झांकी को शामिल न किए जाने पर कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर, आज हो सकती है सुनवाई

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Mon, 24 Jan 2022 11:53 AM IST

सार

गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकृत किए जाने के बाद कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। 

कोलकाता हाईकोर्ट
– फोटो : पीटीआई

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गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल न करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। कोलकाता हाईकोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई हो सकती है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उनकी झांकी को गणतंत्र दिवस की झांकी में शामिल न करके अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। ममता बनर्जी ने कहा कि नेताजी पर आधारित झांकी को शामिल न करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। 

हालांकि, इस मामले में केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालयों से कुछ 56 प्रस्ताव आए थे, इनमें से 21 को शॉर्टलिस्ट किया गया था। उन्होंने कहा कि किन झांकियों को शामिल किया जाएगा, यह निर्णय एक समिति लेती है। पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु व केरल की झांकी को भी अस्वीकृत किया गया है। 

ममता व स्टालिन ने लिखा था पीएम को पत्र
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने राज्यों की झांकियों को हटाने का विरोध करते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। स्टालिन ने कहा कि झांकी को हटाने से तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं और देशभक्ति की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचेगी। पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर हैरानी जताते हुए बनर्जी ने कहा कि इस तरह के कदम से उनके राज्य के लोगों को चोट पहुंचेगी।

क्या था झांकी का विषय
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल की ओर से उनके जीवन पर आधारित झांकी तैयार की गई थी। इस उनके संघर्षों व चित्रों को शामिल किया गया था। 

विस्तार

गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल न करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। कोलकाता हाईकोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई हो सकती है। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उनकी झांकी को गणतंत्र दिवस की झांकी में शामिल न करके अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती है। ममता बनर्जी ने कहा कि नेताजी पर आधारित झांकी को शामिल न करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। 

हालांकि, इस मामले में केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालयों से कुछ 56 प्रस्ताव आए थे, इनमें से 21 को शॉर्टलिस्ट किया गया था। उन्होंने कहा कि किन झांकियों को शामिल किया जाएगा, यह निर्णय एक समिति लेती है। पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु व केरल की झांकी को भी अस्वीकृत किया गया है। 

ममता व स्टालिन ने लिखा था पीएम को पत्र

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने राज्यों की झांकियों को हटाने का विरोध करते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। स्टालिन ने कहा कि झांकी को हटाने से तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं और देशभक्ति की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचेगी। पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर हैरानी जताते हुए बनर्जी ने कहा कि इस तरह के कदम से उनके राज्य के लोगों को चोट पहुंचेगी।

क्या था झांकी का विषय

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल की ओर से उनके जीवन पर आधारित झांकी तैयार की गई थी। इस उनके संघर्षों व चित्रों को शामिल किया गया था। 

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