एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: देव कश्यप
Updated Mon, 28 Mar 2022 06:49 AM IST
सार
रोजगार के कुल अवसरों में से 17 फीसदी बेहद कुशल, विशेषज्ञ या पेशवर कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होंगे। यह रिपोर्ट इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के 750 से अधिक कंपनियों/अधिकारियों से बातचीत पर आधारित है।
इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में वित्त वर्ष 2025-26 तक रोजगार के 1.2 करोड़ अवसर उपलब्ध होंगे। टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुधार के साथ प्रौद्योगिकी और डिजिटल की पहुंच बढ़ने से इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रोजगार के कुल अवसरों में से 17 फीसदी बेहद कुशल, विशेषज्ञ या पेशवर कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होंगे। यह रिपोर्ट इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के 750 से अधिक कंपनियों/अधिकारियों से बातचीत पर आधारित है। टीमलीज डिटिजल के प्रमुख सुनील सी ने कहा, इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र उद्योग 4.0 बदलाव की ओर है। केंद्रीय औद्योगिक नियंत्रण वाली प्रणाली से यह स्मार्ट उत्पाद और प्रक्रियाओं की ओर जा रहा है। आज यह इनके परिचालन के केंद्र में है। प्रौद्योगिकी की लगातार बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए कंपनियों को अपने संख्या बल में इजाफा करना होगा।
पीएलआई योजना के कारण बढ़ रही मांग
सुनील ने कहा, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की वजह से मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इन तीन क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में से 25 से 27 फीसदी वृद्धि होगी। कुशल या विशेषज्ञता वाली प्रतिभाओं की मांग वर्तमान के 45.65 लाख से बढ़कर 2026 तक 90 लाख हो जाएगी।
विस्तार
इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में वित्त वर्ष 2025-26 तक रोजगार के 1.2 करोड़ अवसर उपलब्ध होंगे। टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुधार के साथ प्रौद्योगिकी और डिजिटल की पहुंच बढ़ने से इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि रोजगार के कुल अवसरों में से 17 फीसदी बेहद कुशल, विशेषज्ञ या पेशवर कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होंगे। यह रिपोर्ट इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के 750 से अधिक कंपनियों/अधिकारियों से बातचीत पर आधारित है। टीमलीज डिटिजल के प्रमुख सुनील सी ने कहा, इंजीनियरिंग, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र उद्योग 4.0 बदलाव की ओर है। केंद्रीय औद्योगिक नियंत्रण वाली प्रणाली से यह स्मार्ट उत्पाद और प्रक्रियाओं की ओर जा रहा है। आज यह इनके परिचालन के केंद्र में है। प्रौद्योगिकी की लगातार बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए कंपनियों को अपने संख्या बल में इजाफा करना होगा।
पीएलआई योजना के कारण बढ़ रही मांग
सुनील ने कहा, उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की वजह से मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। इन तीन क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में से 25 से 27 फीसदी वृद्धि होगी। कुशल या विशेषज्ञता वाली प्रतिभाओं की मांग वर्तमान के 45.65 लाख से बढ़कर 2026 तक 90 लाख हो जाएगी।
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