न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 20 Jan 2022 11:41 AM IST
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। गुरुवार को किए गए परीक्षण में यह कामयाब रही।
भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के बालासोर तट से इस मिसाइल को दागा गया।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण प्रणाली सहित नई अतिरिक्त तकनीकों के साथ सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) लॉन्च पैड तृतीय से सुबह करीब 10.45 बजे परीक्षण किया गया। परीक्षण के विस्तृत आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।
इससे पहले 11 जनवरी को भारतीय नौसेना के आईएनएस विशाखापत्तनम युद्धपोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।
डीआरडीओ के अधिकारी ने कहा, ‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल’ के उन्नत समुद्र से समुद्र में वार करने वाले संस्करण का आज आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया।’ ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा है। इस संयुक्त उद्यम में डीआरडीओ भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। मिसाइल का परीक्षण आईएनएस विशाखापत्तनम से किया गया था, यह हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है।
ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है। इसका एक पानी के नीचे का संस्करण भी विकसित किया जा रहा है। ब्रह्मोस का उपयोग न केवल भारत की पनडुब्बियों द्वारा किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा।
विस्तार
भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के बालासोर तट से इस मिसाइल को दागा गया।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस ब्रह्मोस मिसाइल में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण प्रणाली सहित नई अतिरिक्त तकनीकों के साथ सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) लॉन्च पैड तृतीय से सुबह करीब 10.45 बजे परीक्षण किया गया। परीक्षण के विस्तृत आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।
इससे पहले 11 जनवरी को भारतीय नौसेना के आईएनएस विशाखापत्तनम युद्धपोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।
डीआरडीओ के अधिकारी ने कहा, ‘ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल’ के उन्नत समुद्र से समुद्र में वार करने वाले संस्करण का आज आईएनएस विशाखापत्तनम से परीक्षण किया गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया।’ ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा है। इस संयुक्त उद्यम में डीआरडीओ भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। मिसाइल का परीक्षण आईएनएस विशाखापत्तनम से किया गया था, यह हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है।
ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है। इसका एक पानी के नीचे का संस्करण भी विकसित किया जा रहा है। ब्रह्मोस का उपयोग न केवल भारत की पनडुब्बियों द्वारा किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा।