एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 10 Nov 2021 06:33 AM IST
नकदी के इस्तेमाल में तेजी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
सरकारी सूत्रों का कहना है कि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान में कई गुना उछाल आया, लेकिन महामारी के दबाव से एक बार फिर नकदी चलन बढ़ने लगा है। मूल्य के लिहाज से 2020-21 में नकदी का इस्तेमाल 17.2 फीसदी बढ़ा है, जबकि पिछले 20 वर्षों मेें नकदी चलन की वृद्धि दर 15 फीसदी रही। हालांकि, अक्तूबर में यूपीआई से डिजिटल भुगतान भी बढ़कर 7.71 लाख करोड़ रहा।
भारत ही नहीं अमेरिका जैसी डिजिटल अर्थव्यवस्था वाले देशों में भी 2020 के अंत तक नकदी चलन 16 फीसदी बढ़कर 2.07 लाख करोड़ डॉलर पहुंच गया। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में यह 1945 के बाद सबसे बड़ा उछाल है। दरअसल, आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने पर नकदी के चलन में भी इजाफा होता है। जीडीपी के मुकाबले नकदी चलन पिछले एक दशक में 11-12 फीसदी रहा, जो महामारी के दौर में बढ़कर जीडीपी का 14.5 फीसदी पहुंच गया।
पांच साल में 11.43 लाख करोड़ बढ़ी नकदी
मोदी सरकार ने नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की बात कही थी। हालांकि, रिजर्व बैंक के हालिया आंकड़े बताते हैं कि 4 नवंबर, 2016 को जहां कुल 17.74 लाख करोड़ की नकदी चलन में थी, वहीं 29 अक्तूबर, 2021 को यह बढ़कर 29.17 लाख करोड़ रुपये रही। नोटबंदी के बाद नकली नोटों की संख्या में 1.1 लाख की कमी आई है। बीते वित्तवर्ष की समाप्ति तक चलन में शामिल कुल नकदी में 500 और 2,000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी बढ़कर 85.7 फीसदी पहुंच गई थी।