न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Thu, 24 Mar 2022 12:21 PM IST
सार
इन 4 राज्यों में दावों की संख्या और दर्ज की गई मौतों की संख्या में भारी अंतर है। ये चार राज्य हैं-आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल।
कोरोना
– फोटो : PTI
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोविड-19 के कारण मौतों के बाद संबंधितों के परिजनों द्वारा मुआवजे के लिए किए गए फर्जी दावों की जांच का आदेश दिया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि केंद्र 4 राज्यों में 5 फीसदी दावों का सत्यापन कर सकता है।
इन 4 राज्यों में दावों की संख्या और दर्ज की गई मौतों की संख्या में भारी अंतर है। ये चार राज्य हैं-आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 50-50 हजार रुपये की सहायता के लिए दावा करने के लिए 60 दिन का समय तय किया है। दावा 22 मार्च 2022 तक किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय ने 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को 50,000 का मुआवजा देने का प्रावधान किया है। इस मुआवजे को हासिल करने के लिए संबंधित परिवार को मृतक का कोविड-19 मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, लाभार्थी के बैंक खाता संबंधी जानकारी सलंग्न करके आवेदन संबंधित जिला आपदा अधिकारी को देना होगा।
इस तरह कर सकते हैं आवेदन
राज्य सरकारों को दी गई हिदायत के मुताबिक, कोविड-19 से जान गंवाने लोगों के परिवारों की आर्थिक सहायता स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से की जाएगी और इसका भुगतान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के जरिए किया जाएगा। वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए संबंधित व्यक्ति का कोविड-19 मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड की प्रति आदि दस्तावेज जिला के आपदा प्रबंधन अधिकारी को सौंपने होंगे। वित्तीय सहायता की राशि 30 दिनों के भीतर जारी कर दी जाएगी और पैसा आधार से लिंक किए गए बैंक खातों में जमा होगा। राज्यों में लोगों से संबंधित जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के मार्फत आवेदन मांगे जा रहे हैं।