न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 11 Dec 2021 10:34 AM IST
सार
शोध में चेतावनी दी गई है कि डिस्पोजेबल मास्कों को अनुचित तरीके से जहां-तहां फेंका जा रहा है, इसकी वजह से पर्यावरणीय खतरे बढ़ रह हैं।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पीटीआई
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विस्तार
डॉक्टरों ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए फेस मास्क को पहनना तो अनिवार्य कर दिया है लेकिन अब यह पर्यावरण के लिए खतरा भी बनता जा रहा है। दरअसल, एक शोध में यह बात सामने आई है कि डिस्पोजेबल मास्क प्रदूषण फैलाने का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है। शोध में बताया गया है कि जहां-तहां डिस्पोजेबल मास्क फेंकने से कूड़े में 9000 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गई है। इतना ही नहीं यह संक्रमण फैलाने में भी अग्रसर है।