न्यूज डेस्क, अमर उजाला, तिरुवनंतपुरम
Published by: सुभाष कुमार
Updated Sun, 12 Dec 2021 11:18 PM IST
सार
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के विश्वविद्यालयों में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर पत्र लिखकर निशाना साधा था।
केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन
– फोटो : ANI
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कुलाधिपति के पद को नियंत्रण में लेने की कोई भी मंशा नहीं रखती है। राज्यपाल उस पद को संभाल सकते हैं। विजयन ने कहा कि वर्तमान और पूर्व में भी एलडीएफ की सरकार ने कभी भी राज्य में शिक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति (राज्यपाल) को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन सरकार और मंत्रियों के खिलाफ यह प्रोपगेंडा सही नहीं है। हम चाहते हैं कि वह अपने पद को संभाले रखें और केरल की शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने में मदद करें।
हालांकि, दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि उनके पास मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री के लिए कोई भी संदेश नहीं है। उन्होंने कहा- हम मीडिया के जरिए क्यों बात करें? अगर उनको (मुख्यमंत्री) कुछ कहना है तो वह मुझसे बात कर सकते हैं।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लिखा था पत्र
इससे पहले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के विश्वविद्यालयों में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर निशाना साधा था। उन्होंने पत्र में कहा था कि आप (मुख्यमंत्री) विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में संशोधन करें और व्यक्तिगत रूप से कुलाधिपति का पद ग्रहण करें, ताकि आप सरकार पर निर्भरता के बिना अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा कर सकें। राज्यपाल ने अपने पत्र में कुलाधिपति की जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की धमकी भी दी थी।
इन दो विश्वविद्यालयों में नियुक्ति पर उठाए थे सवाल
पत्र में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय और कलाडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति पर नाराजगी व्यक्त की थी, जिन्हें कि सर्च कमेटी को निलंबित करने के बाद दूसरा कार्यकाल दिया गया है।
विपक्षी दलों ने भी विजयन सरकार को घेरा
पूरे मुद्दे पर कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा था कि सरकार पिछले पांच वर्षों से राज्य में उच्च शिक्षा प्रणाली का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब राज्यपाल ने भी सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
विस्तार
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कुलाधिपति के पद को नियंत्रण में लेने की कोई भी मंशा नहीं रखती है। राज्यपाल उस पद को संभाल सकते हैं। विजयन ने कहा कि वर्तमान और पूर्व में भी एलडीएफ की सरकार ने कभी भी राज्य में शिक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति (राज्यपाल) को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन सरकार और मंत्रियों के खिलाफ यह प्रोपगेंडा सही नहीं है। हम चाहते हैं कि वह अपने पद को संभाले रखें और केरल की शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने में मदद करें।
हालांकि, दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि उनके पास मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री के लिए कोई भी संदेश नहीं है। उन्होंने कहा- हम मीडिया के जरिए क्यों बात करें? अगर उनको (मुख्यमंत्री) कुछ कहना है तो वह मुझसे बात कर सकते हैं।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लिखा था पत्र
इससे पहले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के विश्वविद्यालयों में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर निशाना साधा था। उन्होंने पत्र में कहा था कि आप (मुख्यमंत्री) विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में संशोधन करें और व्यक्तिगत रूप से कुलाधिपति का पद ग्रहण करें, ताकि आप सरकार पर निर्भरता के बिना अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा कर सकें। राज्यपाल ने अपने पत्र में कुलाधिपति की जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की धमकी भी दी थी।
इन दो विश्वविद्यालयों में नियुक्ति पर उठाए थे सवाल
पत्र में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय और कलाडी संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति पर नाराजगी व्यक्त की थी, जिन्हें कि सर्च कमेटी को निलंबित करने के बाद दूसरा कार्यकाल दिया गया है।
विपक्षी दलों ने भी विजयन सरकार को घेरा
पूरे मुद्दे पर कांग्रेस नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा था कि सरकार पिछले पांच वर्षों से राज्य में उच्च शिक्षा प्रणाली का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब राज्यपाल ने भी सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
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