न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 09 Dec 2021 12:17 PM IST
सार
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इस साल एक फरवरी को भारतीय वायु सेना की दक्षिणी वायु कमान के प्रमुख का कार्यभार संभाला था। उसके बाद सितंबर में एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का पद संभाला था।
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह
– फोटो : ANI
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा ने जानकारी दी कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ( ट्रेनिंग कमांड) एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे। बुधवार को ही जांच टीम वेलिंगटन पहुंच गई है और जांच शुरू कर दी है। इस हेलीकॉप्टर हादसे में भारत के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं कौन हैं एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह और क्या है इनकी उपलब्धि…
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह को 29 दिसंबर 1982 को हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में शामिल किया गया था। इसके बाद उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां दी गई थीं। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इसी साल एक फरवरी को भारतीय वायु सेना की दक्षिणी वायु कमान के प्रमुख का कार्यभार संभाला था इसके बाद सितंबर में उन्हें एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ( ट्रेनिंग कमांड) की जिम्मेदारी दी गई थी। अब हेलीकॉप्टर हादसे की जांच सौंपी गई है।
6600 घंटे का फ्लाइट रिकॉर्ड है एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह का
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नाम कई रिकॉर्ड भी हैं। इनमें से एक है 6600 घंटे से भी अधिक का उड़ान अनुभव। वहीं वे 1 नवंबर 2019 को वायुसेना मुख्यालय में महानिदेशक (निरीक्षण और सुरक्षा) पद का कार्यभार संभाला था। लगभग चालीस साल की सेवा में एयर ऑफिसर ने कई प्रकार के जटिल हेलिकॉप्टर और प्रशिक्षण विमान उड़ाए हैं। उन्होंने सियाचिन, उत्तर पूर्व उत्तराखंड, पश्चिमी मरूस्थल और कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र में उड़ान भरी है।
कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं मानवेंद्र सिंह
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह एक शानदार फ्लाइंग इन्स्ट्रक्टर भी हैं। 40 साल के दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। उन्हें ऑपरेशनल हेलिकॉप्टर युनिट का कमांडिंग ऑफिसर भी बनाया जा चुका है। जिसके बाद वह एक अग्रिम हेलिकॉप्टर अड्डे के स्टेशन कमांडर बनाए गए। वे अति विशिष्ट सेवा मेडल, वीर चक्र औऱ विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं।
विस्तार
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा ने जानकारी दी कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ( ट्रेनिंग कमांड) एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे। बुधवार को ही जांच टीम वेलिंगटन पहुंच गई है और जांच शुरू कर दी है। इस हेलीकॉप्टर हादसे में भारत के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं कौन हैं एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह और क्या है इनकी उपलब्धि…
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह को 29 दिसंबर 1982 को हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में शामिल किया गया था। इसके बाद उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां दी गई थीं। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इसी साल एक फरवरी को भारतीय वायु सेना की दक्षिणी वायु कमान के प्रमुख का कार्यभार संभाला था इसके बाद सितंबर में उन्हें एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ( ट्रेनिंग कमांड) की जिम्मेदारी दी गई थी। अब हेलीकॉप्टर हादसे की जांच सौंपी गई है।
6600 घंटे का फ्लाइट रिकॉर्ड है एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह का
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नाम कई रिकॉर्ड भी हैं। इनमें से एक है 6600 घंटे से भी अधिक का उड़ान अनुभव। वहीं वे 1 नवंबर 2019 को वायुसेना मुख्यालय में महानिदेशक (निरीक्षण और सुरक्षा) पद का कार्यभार संभाला था। लगभग चालीस साल की सेवा में एयर ऑफिसर ने कई प्रकार के जटिल हेलिकॉप्टर और प्रशिक्षण विमान उड़ाए हैं। उन्होंने सियाचिन, उत्तर पूर्व उत्तराखंड, पश्चिमी मरूस्थल और कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र में उड़ान भरी है।
कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं मानवेंद्र सिंह
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह एक शानदार फ्लाइंग इन्स्ट्रक्टर भी हैं। 40 साल के दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। उन्हें ऑपरेशनल हेलिकॉप्टर युनिट का कमांडिंग ऑफिसर भी बनाया जा चुका है। जिसके बाद वह एक अग्रिम हेलिकॉप्टर अड्डे के स्टेशन कमांडर बनाए गए। वे अति विशिष्ट सेवा मेडल, वीर चक्र औऱ विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किए जा चुके हैं।
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