न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 04 Jan 2022 01:53 AM IST
सार
एक वीडियो में मलिक कहते दिखाई दे रहे हैं, जब मैं किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी से मिलने गया तो वह जिद पर अड़े रहे और पांच मिनट के भीतर ही उनसे मेरी लड़ाई हो गई।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक
– फोटो : PTI
ख़बर सुनें
विस्तार
मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को लेकर अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर सोमवार को सफाई पेश की। उनका एक वीडियो कांग्रेस ने शेयर किया था जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, जब मैं किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी से मिलने गया तो वह जिद पर अड़े रहे और पांच मिनट के भीतर ही उनसे मेरी लड़ाई हो गई।
मलिक ने दी सफाई
एनडीटीवी से बात करते हुए मलिक ने स्पष्ट किया कि अमित शाह मोदी जी का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि लोग प्रधानमंत्री को गुमराह करते हैं। एक दिन पीएम इसे (तीन कानूनों के साथ किसानों के विवाद) को समझेंगे। उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अमित शाह ने गलत इरादे से प्रधानमंत्री के बारे में कुछ नहीं कहा था। उन्होंने मुझे केवल इतना कहा था कि मेरी चिंताओं को समझा जाएगा।
मलिक ने वीडियो में दावा किया कि मोदी यह मानने को तैयार नहीं थे कि पिछले साल केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मौत उनकी वजह से हुई और इसके बजाय उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए कहा। मलिक को वीडियो क्लिप में यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि जब वह शाह से मिले तो उनसे कहा कि लोगों ने उनके (मोदी की) विजन को धूमिल कर दिया है और मुझे प्रधान मंत्री से मिलते रहना चाहिए।
खरगे ने प्रधानमंत्री से मांगा जवाब
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर वीडियो के संदर्भ में प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ऑन रिकॉर्ड कह रहे हैं कि पीएम किसानों के मुद्दे पर अहंकारी थे। संवैधानिक अधिकारी एक-दूसरे के बारे में ऐसी अवमानना के साथ बोल रहे हैं, नरेंद्र मोदी जी, क्या यह सच है?
उमर उब्दुल्ला बोले, मलिक ने खिलाने वाले हाथ को काटा
वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मलिक ने ट्विटर पर लिखा, यह शख्स जम्मू-कश्मीर में उन्हीं की कुटिताओं को लागू कर रहा था। अब जिसने खिलाया, उसी हाथ को काट लिया है, जम्मू-कश्मीर के लोग मलिक की अविश्वसनीयता को प्रमाणित कर सकते हैं। 2019 में मलिक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल थे। इसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया।