वाणिज्य मंत्रालय के बुधवार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने आयात 24.21 फीसदी बढ़कर 60.74 अरब डॉलर पर पहुंच गया। आंकड़ें के मुताबिक, 2021-22 में निर्यात बढ़कर 419.65 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। इस दौरान आयात भी बढ़कर 611.89 अरब डॉलर हो गया।
आयात और निर्यात के बीच के इस अंतर की वजह से व्यापार घाटा 192.24 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में व्यापार घाटा 102.63 अरब डॉलर था। भारत का मासिक वस्तु निर्यात पहली बार 40 अरब डॉलर के पार पहुंचा है। मार्च, 2022 में यह 42 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान सेवा निर्यात 4.64% बढ़कर 21.76 अरब डॉलर रहा।
सेवाओं के आयात और निर्यात में भी इजाफा
2021-22 की अप्रैल-मार्च में 249.24 अरब डॉलर के सेवाओं का निर्यात किया गया। यह आंकड़ा 2020-21 की समान अवधि के 206.09 अरब डॉलर के मुकाबले 20.94% अधिक है। बीते वित्त वर्ष सेवाओं का आयात 144.79 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल-मार्च 2020-21 के 117.52 अरब डॉलर से 23.20% अधिक है। सेवा व्यापार संतुलन भी 104.45 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 के 88.57 अरब डॉलर से 17.94 फीसदी अधिक है।
यात्री वाहनों की बिक्री 4 फीसदी घटी
देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री मार्च में 4% बढ़कर 2,79,501 इकाई रही। मार्च, 2021 में कुल 2,90,939 यात्री वाहन बिके थे। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के मुताबिक, 2021-22 में यात्री वाहनों की कुल सालाना आधार पर 13% बढ़कर 30,69,499 इकाई रही थी। मार्च, 2022 में दोपहिया बिक्री 21% कम होकर 11,84,210 इकाई रही। पिछले मार्च में आंकड़ा 14,96,806 इकाई रहा था।
nसियाम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा कि 2021-22 उद्योग के लिए बड़ी चुनौतियों वाला रहा है। इस दौरान उद्योग को नया सबक सीखने को भी मिला। इस दौरान सरकार ने पीएलआई और फेम योजना के विस्तार के जरिये उद्योग को समर्थन दिया।