ट्रेन से सफर करना कौन नहीं चाहता है, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत होती है कंफर्म टिकट का न मिलना। बाकी राज्यों के लिए टिकट मिलना तो फिर भी आसान है, लेकिन दिल्ली से अगर आपको बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जाना है तो फिर टिकट मिलने में बड़ी मुश्किल होती है और खासतौर पर त्योहारों के समय में तो बहुत दिक्कत होती है। इसलिए बेहतर होगा कि त्योहारों पर घर जाने के लिए आप पहले से ही टिकट करा कर रख लें। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि लोग टिकट करा कर रख तो लेते हैं, लेकिन किसी कारणवश उस समय सफर नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में टिकट कैंसिल करा लेना ही ज्यादा बेहतर होता है। अगर आप भी टिकट कैंसिल करा रहे हैं तो रेलवे के कुछ नियमों का जान लेना बहुत जरूरी है, वरना आपको ज्यादा नुकसान हो सकता है।
दरअसल, अलग-अलग क्लास की टिकट कैंसिल कराने पर रेलवे अलग-अलग चार्ज काटता है। यह चार्ज इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप ट्रेन के चलने से कितनी देर पहले अपना टिकट कैंसिल कराते हैं। मान लीजिए कि आपकी टिकट स्लीपर क्लास की है और वेटिंग या आरएसी (RAC) है तो आप ट्रेन के चलने से 30 मिनट पहले तक टिकट कैंसिल करा सकते हैं। इसके लिए रेलवे की ओर से टिकट पर 60 रुपये का चार्ज काटा जाएगा।
अगर आप अपनी कंफर्म टिकट ट्रेन के चलने से 48 घंटे पहले कैंसिल कराते हैं तो अलग-अलग क्लास के लिए चार्ज कुछ इस तरह है कि एसी फर्स्ट क्लास की टिकट पर 240 रुपये, एसी टू टियर की टिकट पर 200 रुपये और एसी थ्री टियर, एसी चेयर कार की टिकट पर 180 रुपये का चार्ज काटा जाता है। वहीं, स्लीपर क्लास की टिकट पर यह चार्ज 120 रुपये और सेकेंड क्लास की टिकट पर 60 रुपये का चार्ज देना होता है।
अगर ट्रेन चलने से 12 घंटे पहले आप अपनी कंफर्म टिकट कैंसिल कराते हैं तो रेलवे की ओर से टिकट के मूल्य का 25 फीसदी चार्ज काटा जाता है। वहीं, अगर आपने ट्रेन चलने के 12 से चार घंटे के बीच में टिकट कैंसिल कराया है तो उसपर टिकट मूल्य का 50 फीसदी चार्ज काटा जाता है।
रेलवे का नियम कहता है कि तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर आपको एक भी पैसा रिफंड नहीं मिलता है। वहीं, बाढ़ जैसी स्थिति में अगर ट्रेन कैंसिल होती है तो आपको टिकट का पूरा पैसा रिफंड मिल सकता है। इसके लिए आपको यात्रा से तीन दिन के अंदर टिकट कैंसिल करानी होती है।
