डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Fri, 10 Dec 2021 12:21 PM IST
सार
पुलिस का कहना है कि शहर के अस्पताल में कर्मचारियों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं चलने दी जा रही थीं, जिससे अन्य हजारों लोगों को परेशानी हो रही थी। स्वास्थ्य सुविधा बरकरार कराने की कोशिश में आरोपी व्यक्ति ने एक पुलिसकर्मी के हाथ को काट लिया था, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन कठोर कार्रवाई करनी पड़ी…
कानपुर पुलिस बर्बरतापूर्ण कार्रवाई पर बोले वरुण गांधी
– फोटो : Amar Ujala
कानपुर पुलिस के द्वारा एक लाचार पिता को बर्बरतापूर्ण तरीके से पीटे जाने पर वरुण गांधी ने कठोर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि किसी भी देश-समाज को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए अच्छी कानून व्यवस्था का होना बहुत आवश्यक है, लेकिन इसका यह कतई अर्थ नहीं है कि समाज के लोगों को डराना, धमकाना और भयभीत किया जाना चाहिए। उन्होंने इस घटना को बेहद अमानवीय बताया है। वरुण गांधी ने उस वीडियो को भी ट्वीट किया है, जिसमें कानपुर पुलिस के द्वारा एक पिता को पीटा जा रहा है, जबकि उसने अपना बच्चा अपने हाथ में लिया हुआ है। पिता बचने के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन पुलिस उसकी एक नहीं सुन रही है।
पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने कानपुर की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि सशक्त कानून व्यवस्था उसी को कहा जा सकता है, जहां पर कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय दिलाया जा सके और उनके हितों की रक्षा की जा सके। यह नहीं कि न्याय मांगने वालों पर ही बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा है कि एक लाचार पिता को पुलिस द्वारा इस तरह से पीटे जाते हुए देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा है कि सशक्त कानून व्यवस्था का अर्थ है कि जहां पर कानून के राज का अपराधियों को डर हो, लेकिन सामान्य जनता पुलिस से किसी भी प्रकार से आतंकित न रहे। इसके पूर्व भी उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा कभी नौकरियों की मांग कर रहे शिक्षकों पर लाठियां बरसाई गईं, तो कभी संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी देने के मामले में भी उन पर कार्यवाई की गई। वरुण गांधी ने लगातार इन मामलों पर पुलिसिया कार्रवाई के तरीके पर सवाल उठाया था।
हालांकि, वर्तमान मामले में पुलिस का कहना है कि शहर के अस्पताल में कर्मचारियों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं चलने दी जा रही थीं, जिससे अन्य हजारों लोगों को परेशानी हो रही थी। स्वास्थ्य सुविधा बरकरार कराने की कोशिश में आरोपी व्यक्ति ने एक पुलिसकर्मी के हाथ को काट लिया था, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन कठोर कार्रवाई करनी पड़ी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद थाने के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है।
विस्तार
कानपुर पुलिस के द्वारा एक लाचार पिता को बर्बरतापूर्ण तरीके से पीटे जाने पर वरुण गांधी ने कठोर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि किसी भी देश-समाज को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए अच्छी कानून व्यवस्था का होना बहुत आवश्यक है, लेकिन इसका यह कतई अर्थ नहीं है कि समाज के लोगों को डराना, धमकाना और भयभीत किया जाना चाहिए। उन्होंने इस घटना को बेहद अमानवीय बताया है। वरुण गांधी ने उस वीडियो को भी ट्वीट किया है, जिसमें कानपुर पुलिस के द्वारा एक पिता को पीटा जा रहा है, जबकि उसने अपना बच्चा अपने हाथ में लिया हुआ है। पिता बचने के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन पुलिस उसकी एक नहीं सुन रही है।
पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने कानपुर की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि सशक्त कानून व्यवस्था उसी को कहा जा सकता है, जहां पर कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय दिलाया जा सके और उनके हितों की रक्षा की जा सके। यह नहीं कि न्याय मांगने वालों पर ही बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा है कि एक लाचार पिता को पुलिस द्वारा इस तरह से पीटे जाते हुए देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा है कि भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा है कि सशक्त कानून व्यवस्था का अर्थ है कि जहां पर कानून के राज का अपराधियों को डर हो, लेकिन सामान्य जनता पुलिस से किसी भी प्रकार से आतंकित न रहे। इसके पूर्व भी उत्तर प्रदेश पुलिस के द्वारा कभी नौकरियों की मांग कर रहे शिक्षकों पर लाठियां बरसाई गईं, तो कभी संविदा कर्मियों को पक्की नौकरी देने के मामले में भी उन पर कार्यवाई की गई। वरुण गांधी ने लगातार इन मामलों पर पुलिसिया कार्रवाई के तरीके पर सवाल उठाया था।
हालांकि, वर्तमान मामले में पुलिस का कहना है कि शहर के अस्पताल में कर्मचारियों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं चलने दी जा रही थीं, जिससे अन्य हजारों लोगों को परेशानी हो रही थी। स्वास्थ्य सुविधा बरकरार कराने की कोशिश में आरोपी व्यक्ति ने एक पुलिसकर्मी के हाथ को काट लिया था, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन कठोर कार्रवाई करनी पड़ी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद थाने के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है।
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