एजेंसी, नई दिल्ली/लंदन।
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 20 Nov 2021 07:13 AM IST
सार
ओपेक-प्लस ने सितंबर में जहां अपनी कुल उत्पादन क्षमता में 115 फीसदी कटौती की थी, वहीं अक्तूबर में इसे बढ़ाकर 116 फीसदी कर दी। पिछले दिनों ओपेक-प्लस देशों की बैठक में सऊदी अरब सहित अन्य उत्पादकों ने कीमतें थामने के लिए आपूर्ति बढ़ाने का भरोसा दिया था, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक व अन्य सहयोगी देशों ने अक्तूबर में तेल उत्पादन और घटा दिया। ओपेक-प्लस ने क्रूड की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए उत्पादन बढ़ाने का भरोसा दिया था।
ओपेक-प्लस ने सितंबर में जहां अपनी कुल उत्पादन क्षमता में 115 फीसदी कटौती की थी, वहीं अक्तूबर में इसे बढ़ाकर 116 फीसदी कर दी। पिछले दिनों ओपेक-प्लस देशों की बैठक में सऊदी अरब सहित अन्य उत्पादकों ने कीमतें थामने के लिए आपूर्ति बढ़ाने का भरोसा दिया था, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है।
इस बीच ओपेक ने अपने संगठन में शामिल होने के नियमों को और भी सख्त बना दिया है, जबकि गैर ओपेक देश के रूप में उत्पादन करने वाले देशों पर नियमों का बोझ कम हुआ है। यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका के चलते शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड की कीमतों में कमी आई। ब्रेंट क्रूड 2.78 डॉलर गिरकर 78.46 डॉलर प्रति बैरल के भाव आ गया। यह पिछले डेढ़ महीने का सबसे निचला स्तर है।
भारत बोला…50 लाख बैरल अतिरिक्त तेल को बाजार में लाए ओपेक
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि ओपेक व सहयोगी देशों को 50 लाख बैरेल की अतिरिक्त क्षमता वाले तेल को बाजार में लाना चाहिए, ताकि कीमतों पर लगाम कसी जा सके। 2021 में क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 फीसदी बढ़ चुकी हैं। पुरी ने कहा, हम तेल उत्पादक देशों के पास जाकर उन्हें कीमतें घटाने के लिए नहीं कह सकते। यह उनकी जिम्मेदारी है कि अपने आयातक देशों को किफायती कीमत पर ईंधन उपलब्ध कराया जाए। पुरी ने सऊदी अरब, यूएई, कुवैत और रूस के पेट्रोलियम मंत्रियों के साथ बैठक भी की।
विस्तार
तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक व अन्य सहयोगी देशों ने अक्तूबर में तेल उत्पादन और घटा दिया। ओपेक-प्लस ने क्रूड की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए उत्पादन बढ़ाने का भरोसा दिया था।
ओपेक-प्लस ने सितंबर में जहां अपनी कुल उत्पादन क्षमता में 115 फीसदी कटौती की थी, वहीं अक्तूबर में इसे बढ़ाकर 116 फीसदी कर दी। पिछले दिनों ओपेक-प्लस देशों की बैठक में सऊदी अरब सहित अन्य उत्पादकों ने कीमतें थामने के लिए आपूर्ति बढ़ाने का भरोसा दिया था, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है।
इस बीच ओपेक ने अपने संगठन में शामिल होने के नियमों को और भी सख्त बना दिया है, जबकि गैर ओपेक देश के रूप में उत्पादन करने वाले देशों पर नियमों का बोझ कम हुआ है। यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका के चलते शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड की कीमतों में कमी आई। ब्रेंट क्रूड 2.78 डॉलर गिरकर 78.46 डॉलर प्रति बैरल के भाव आ गया। यह पिछले डेढ़ महीने का सबसे निचला स्तर है।
भारत बोला…50 लाख बैरल अतिरिक्त तेल को बाजार में लाए ओपेक
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि ओपेक व सहयोगी देशों को 50 लाख बैरेल की अतिरिक्त क्षमता वाले तेल को बाजार में लाना चाहिए, ताकि कीमतों पर लगाम कसी जा सके। 2021 में क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 फीसदी बढ़ चुकी हैं। पुरी ने कहा, हम तेल उत्पादक देशों के पास जाकर उन्हें कीमतें घटाने के लिए नहीं कह सकते। यह उनकी जिम्मेदारी है कि अपने आयातक देशों को किफायती कीमत पर ईंधन उपलब्ध कराया जाए। पुरी ने सऊदी अरब, यूएई, कुवैत और रूस के पेट्रोलियम मंत्रियों के साथ बैठक भी की।
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