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एस-400 मिसाइल प्रणाली : भारत के पक्ष में दो अमेरिकी सांसद, बाइडन से प्रतिबंध नहीं लगाने का किया आग्रह

पीटीआई, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 27 Oct 2021 02:34 AM IST

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रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की खबरों के बीच दो अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडन को पत्र लिखकर प्रतिबंध नहीं लगाने का आग्रह किया है।

अमेरिका के दो सीनेटरों ने मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ दंडात्मक ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के प्रावधानों को लागू नहीं करें।

बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है।

पत्र में सांसदों ने लिखा, ‘हम रूसी उपकरण खरीद के संबंध में आपकी चिंता को समझते हैं। हम आपके प्रशासन को भारतीय अधिकारियों के समक्ष इस चिंता को मजबूती से उठाना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। भारत के साथ रचनात्मक रूप से जुड़कर रूसी उपकरणों की खरीद के विकल्पों का समर्थन करना भी जारी रखेंगे।’

मार्क वार्नर खुफिया विभाग के सीनेट की स्थायी चयन समिति के अध्यक्ष हैं और जॉन कॉर्निन ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) के लिए सीनेट के लिए अल्पसंख्यक सचेतक हैं। दोनों सीनेटर इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं, जो अमेरिकी सीनेट में एकमात्र देश भारत का विशिष्ट कॉकस है।

अक्तूबर 2018 में, भारत ने एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच बिलियन अमरीकी डालर (करीब 3.75 खरब रुपये) के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। उस वक्त तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी थी कि अनुबंध के साथ आगे बढ़ने पर सीएएटीएसए के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं। इसके बावजूद भारत ने रूस के साथ यह रक्षा सौदा किया था।

एस-400 को रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है। सीएएटीएसए एक सख्त अमेरिकी कानून है जो प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है जो 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के जवाब में रूस से प्रमुख रक्षा हार्डवेयर की खरीदारी करते हैं।

रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की खबरों के बीच दो अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति बाइडन को पत्र लिखकर प्रतिबंध नहीं लगाने का आग्रह किया है।

अमेरिका के दो सीनेटरों ने मंगलवार को राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह किया कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ दंडात्मक ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के प्रावधानों को लागू नहीं करें।

बाइडन को लिखे पत्र में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन पार्टी के जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति बाइडन से आग्रह किया कि सीएएटीएसए के तहत राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए भारत को इसके प्रावधानों से छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है।

पत्र में सांसदों ने लिखा, ‘हम रूसी उपकरण खरीद के संबंध में आपकी चिंता को समझते हैं। हम आपके प्रशासन को भारतीय अधिकारियों के समक्ष इस चिंता को मजबूती से उठाना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। भारत के साथ रचनात्मक रूप से जुड़कर रूसी उपकरणों की खरीद के विकल्पों का समर्थन करना भी जारी रखेंगे।’

मार्क वार्नर खुफिया विभाग के सीनेट की स्थायी चयन समिति के अध्यक्ष हैं और जॉन कॉर्निन ग्रैंड ओल्ड पार्टी (GOP) के लिए सीनेट के लिए अल्पसंख्यक सचेतक हैं। दोनों सीनेटर इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं, जो अमेरिकी सीनेट में एकमात्र देश भारत का विशिष्ट कॉकस है।

अक्तूबर 2018 में, भारत ने एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच बिलियन अमरीकी डालर (करीब 3.75 खरब रुपये) के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। उस वक्त तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी थी कि अनुबंध के साथ आगे बढ़ने पर सीएएटीएसए के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं। इसके बावजूद भारत ने रूस के साथ यह रक्षा सौदा किया था।

एस-400 को रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है। सीएएटीएसए एक सख्त अमेरिकी कानून है जो प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है जो 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जा और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के जवाब में रूस से प्रमुख रक्षा हार्डवेयर की खरीदारी करते हैं।

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