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ऊर्जा संकट: IOC से 40-40 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल व डीजल की खरीद करेगा श्रीलंका, कैबिनेट ने दी मंजूरी 

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Tue, 01 Feb 2022 04:29 PM IST

सार

श्रीलंका कैबिनेट के फैसले के बाद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन 40 हजार मीट्रिक टन डीजल की आपूर्ति करने के लिए सहमत हो गया है। दरअसल, श्रीलंका इन दिनों ऊर्जा संकट से जूझ रहा है, जिस कारण यहां पर बिजली कटौती भी बढ़ गई है। 

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मौजूदा ऊर्जा संकट से उबरने के लिए श्रीलंका इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से 40 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल व डीजल की खरीदारी करेगा। मंगलवार को श्रीलंका की ओर से जारी किए गए एक कैबिनेट नोट में इसकी पुष्टि हुई है। 

श्रीलंका की ओर से यह फैसला ऐसे समय पर किया गया है जब बिजली मंत्री जेमिनी लोकुगे का ऊर्जा संकट को लेकर बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि विदेशी मुद्रा संकट के बीच श्रीलंका, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ तेल की खरीद पर बातचीत करेगा। भारत की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) श्रीलंका की सहायक कंपनी लंका IOC के साथ 2002 से काम कर रही है। जारी किए गए कैबिनेट नोट के मुताबिक, श्रीलंका की सरकार 40 हजार मीट्रिक टन डीजल और इतना ही पट्रोल इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से खरीदेगी। इस फैसले के बाद आईओसी भी डीजल के शिपमेंट की आपूर्ति करने के लिए सहमत हो गया है। 

श्रीलंका में सूख रहे पेट्रोल पंप 
श्रीलंका में ऊर्जा संकट इस कदर बढ़ गया है कि वहां पेट्रोल पंप सूखते ही जा रहे हैं। ऐसे में सरकार नए सिरे से इस पर विचार कर रही है। बाहर से आयात होने वाले तेल के लिए श्रीलंका सरकार को विदेशी मुद्रा संकट से भी जूझना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिला ने कहा था कि खत्म होते विदेशी मुद्रा के भंडार के कारण देश में और तेल आयात नहीं किया जा सकता, जिससे श्रीलंका को ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है। 

देश में बढ़ गई बिजली कटौती
ऊर्जा संकट के साथ विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में इन दिनों बिजली की कटौती भी खूब हो रही है। दरअसल, ज्यादातर बिजली इकाईयों को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत होती है, जिसकी कमी इन दिनों देश में गहराई हुई है। उधर, बिजली बोर्ड पर बढ़ते कर्ज के कारण राज्य ईंधन इकाई ने तेजी की आपूर्ति करना बंद कर दिया है। 

विस्तार

मौजूदा ऊर्जा संकट से उबरने के लिए श्रीलंका इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से 40 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल व डीजल की खरीदारी करेगा। मंगलवार को श्रीलंका की ओर से जारी किए गए एक कैबिनेट नोट में इसकी पुष्टि हुई है। 

श्रीलंका की ओर से यह फैसला ऐसे समय पर किया गया है जब बिजली मंत्री जेमिनी लोकुगे का ऊर्जा संकट को लेकर बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि विदेशी मुद्रा संकट के बीच श्रीलंका, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ तेल की खरीद पर बातचीत करेगा। भारत की प्रमुख तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) श्रीलंका की सहायक कंपनी लंका IOC के साथ 2002 से काम कर रही है। जारी किए गए कैबिनेट नोट के मुताबिक, श्रीलंका की सरकार 40 हजार मीट्रिक टन डीजल और इतना ही पट्रोल इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से खरीदेगी। इस फैसले के बाद आईओसी भी डीजल के शिपमेंट की आपूर्ति करने के लिए सहमत हो गया है। 

श्रीलंका में सूख रहे पेट्रोल पंप 

श्रीलंका में ऊर्जा संकट इस कदर बढ़ गया है कि वहां पेट्रोल पंप सूखते ही जा रहे हैं। ऐसे में सरकार नए सिरे से इस पर विचार कर रही है। बाहर से आयात होने वाले तेल के लिए श्रीलंका सरकार को विदेशी मुद्रा संकट से भी जूझना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री उदय गम्मनपिला ने कहा था कि खत्म होते विदेशी मुद्रा के भंडार के कारण देश में और तेल आयात नहीं किया जा सकता, जिससे श्रीलंका को ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है। 

देश में बढ़ गई बिजली कटौती

ऊर्जा संकट के साथ विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में इन दिनों बिजली की कटौती भी खूब हो रही है। दरअसल, ज्यादातर बिजली इकाईयों को चलाने के लिए ईंधन की जरूरत होती है, जिसकी कमी इन दिनों देश में गहराई हुई है। उधर, बिजली बोर्ड पर बढ़ते कर्ज के कारण राज्य ईंधन इकाई ने तेजी की आपूर्ति करना बंद कर दिया है। 

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