इंग्लैंड के समुद्र तट के किनारे पृथ्वी पर एक दुर्लभ ‘ग्रीनलैंड शार्क’ को मृत पाया गया है। इसकी उम्र करीब 250 से 500 साल के बीच है। वैज्ञानिकों का कहना कि यह पृथ्वी पर सबसे लंबा जीने वाली जीव है। ‘ग्रीनलैंड’ शार्क काफी दुर्लभ मानी जाती है। ब्रिटिश इलाके के पानी में इंसानों का उनसे मिलना बहुत दुर्लभ है।
2013 में भी एक और शार्क का शव मिला था
आखिरी बार 2013 में इंग्लैंड में इस तरह की एक और शार्क का शव मिला था। इसे 13 मार्च को पेनजेंस के पास न्यूलिन हार्बर के तट पर घूमने आए एक शख्स ने देखा था। हालांकि, कर्मचारी एक घंटे के भीतर तट पर पहुंच गए, लेकिन इस दौरान एक समुद्र में आया ज्वार उसे वापस बहाकर पानी में ले गया। 16 मार्च को समुद्र में टूरिज्म फर्म ‘मरमेड प्लेजर ट्रिप्स’ के एक चालक दल ने शार्क को देखा और वह उसे किनारे पर ले आए।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ग्रीनलैंड’ का जन्म राजा हेनरी 8वें शासनकाल के दौरान हुआ होगा। राजा हेनरी ने 8वें राजा के रूप में 1509 से 1547 के बीच शासन किया था। इससे मिलने वाले नतीजों का इस्तेमाल समुद्री स्तनधारियों के स्ट्रैंडिंग की जांच में किया जाएगा, जिसमें डॉल्फिन और व्हेल भी शामिल हैं। ग्रीनलैंड शार्क एक भारी भरकम जीव है। इन्हें उत्तरी अटलांटिक महासागर के ठंडे और गहराई वाले जल में धीमी गति से तैरते हुए देखा जा सकता है। यह साल में बस एक सेंटीमीटर ही बढ़ती हैं, जबकि इसमें यौन परिपक्वता 150 साल में आती है। परीक्षण में पता चला कि सबसे बड़ी शार्क की लंबाई 5 मीटर तक हो सकती है।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे दुर्लभ जीवों के बारे में जो अपने अनोखेपन के कारण देश दुनिया में जाने जाते हैं।अमूमन देखने को मिलता है कि पानी के भीतर रहने वाले जीव अधिक समय तक जिंदा रहते हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं धरती के उन जीवों के बारे में, जो सबसे ज्यादा समय तक जिंदा रहते हैं।
कछुआ
ये हम सभी को पता है कि कछुआ काफी लंबे समय तक जिंदा रहता है। वैज्ञानिकों की मानें तो कछुओं की लंबी उम्र के पीछे का रहस्य उनके डीएनए स्ट्रक्चर में छिपा है। उनके जीन वेरिएंट लंबे समय तक सेल के भीतर डीएनए की मरम्मत करते हैं। इस कारण सेल की एंट्रोपी की समय सीमा काफी बढ़ जाती है। यही एक बड़ा कारण है, जिसके चलते कुछ कछुए 250 साल से भी अधिक जीवन जीते हैं। 256 साल तक जीवन जीने वाले अलडाबरा टोरटॉयज पर हुए एक रिसर्च में इस बात का पता चला कि अच्छे जीन वैरिएंट के कारण ही वह इतने लंबे समय तक जिंदा रह सका।
बोहेड व्हेल
बोहेड व्हेल ज्यादातर आर्क्टिक समुद्र और उसके आस-पास के क्षेत्रों में पाई जाती हैं। अगर व्हेल की इस प्रजाति का शिकार ना किया जाए तो ये आराम से 200 सालों तक जिंदा रह सकती हैं। बोहेड व्हेल की सबसे खास बात यह है कि इनके भीतर एक खास तरह का जीन (ERCC1) होता है। ये जीन शरीर के खराब हुए DNA को सुधारने में मदद करता है, जिसके चलते बोहेड व्हेल को कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी नहीं होती है।
