जिन छात्रों के स्कूल में सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई होती है और कम मार्क्स की वजह से उन्हें दूसरे स्कूलों में एडमिशन लेने में दिक्कत हो तो वे प्राइवेट तरीके से इंटर कर सकते हैं। वे चाहें तो एनआईओएस के जरिए भी इंटर की पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
आर्यन खान क्रूज ड्रग केस मामले में गवाह प्रभाकर सेल का निधन
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