पीटीआई, दिल्ली
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 30 Dec 2021 02:50 AM IST
सार
आरबीआई ने अपनी डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने की मांग की है। साथ ही भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की भी मांग की।
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विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना
आरबीआई ने बताया कि निजी क्रिप्टोकरेंसी ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करती है और धोखाधड़ी के साथ अत्यधिक कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना होती है। आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में निजी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार ने नियामकों और सरकारों को संबंधित जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना दिया है।
क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार 2.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर
आरबीआई ने कहा कि निजी क्रिप्टोकरेंसी ग्राहकों की सुरक्षा और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) के साथ आतंकवाद के वित्तपोषण (सीएफटी) का मुकाबला करने के लिए जोखिम पैदा करती है। शीर्ष 100 क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाजार पूंजीकरण 2.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
नए अवैध वित्तपोषण प्रकार भी तेजी से बढ़ रहे
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्चुअल-टू-वर्चुअल योजनाओं के बढ़ते उपयोग से जो तुलनात्मक रूप से आसान, सस्ते हैं। इन तरीकों नए अवैध वित्तपोषण प्रकार भी तेजी से बढ़ रहे हैं। 22 दिसंबर को समाप्त हुए संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 की क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन को लोकसभा बुलेटिन-भाग II में शामिल किया गया था।
संसद की आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने की मांग की है। साथ ही भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की भी मांग की।