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आरटीआई से खुलासा: अमेरिकी एनआरआई भारतीय पत्नियों को छोड़ने के मामले में सबसे आगे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 17 Feb 2022 01:54 AM IST

सार

भारत में पत्नियों को छोड़ने के मामले में अमेरिका के एनआरआई सबसे ऊपर हैं। एक आरटीआई के जवाब के अनुसार, पिछले सात वर्षों में, भारतीय दुल्हनों को उनके एनआरआई पतियों द्वारा छोड़ने और घोस्टिंग की शिकार होने की 2,156 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले अमेरिका से हैं।

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भारत में पत्नियों को छोड़ने और घोस्टिंग (बिना बताए अचानक संबंध और संपर्क तोड़ लेने और अनदेखा करने) के मामले में अमेरिका के अनिवासी भारतीय (एनआरआई) सबसे आगे हैं। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब से सामने आई है।

जानकारी के मुताबिक, पिछले सात सालों में सरकार के पास, भारतीय दुल्हनों को छोड़ने और उनके एनआरआई पतियों के गायब हो जाने की 2,156 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 615 मामले अमेरिका से हैं, 586 मामले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से और 237 मामले सिंगापुर से सामने आए हैं। सरकार को सऊदी अरब से 119, कुवैत से 111, ब्रिटेन (यूके) से 104, ऑस्ट्रेलिया से 102 और कनाडा से इस तरह की 92 शिकायतें मिली हैं।

केरल के एक कार्यकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता के गोविंदन नंपूथिरी द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में इस जानकारी का पता चला है। उनका कहना है, ‘विदेश मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में 47 देशों में रिपोर्ट किए गए वैवाहिक विवादों की सूची उपलब्ध कराई है। इनमें से ज्यादातर मामले भारतीय पत्नियों के छोड़े जाने और घोस्टिंग के हैं। 2,156 भारतीय महिलाएं एनआरआई  पुरुष से शादी के बाद परेशानियां झेल रही हैं।’

विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा है कि विदेशों में भारतीय मिशनों के भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) खाते से करीब 64 लाख रुपये (64,44,944) खर्च किए गए हैं।छोड़ी गई भारतीय महिलाओं को आईसीडब्ल्यूएफ से कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है।

के गोविंदन का कहना है कि एनआरआई वैवाहिक विवादों को द्विपक्षीय चर्चाओं में भी शामिल किया जाना चाहिए। यह समय की जरूरत है क्योंकि इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विदेशों के वैवाहिक कानून के अनुसार मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करना जरूरी है।

विस्तार

भारत में पत्नियों को छोड़ने और घोस्टिंग (बिना बताए अचानक संबंध और संपर्क तोड़ लेने और अनदेखा करने) के मामले में अमेरिका के अनिवासी भारतीय (एनआरआई) सबसे आगे हैं। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब से सामने आई है।

जानकारी के मुताबिक, पिछले सात सालों में सरकार के पास, भारतीय दुल्हनों को छोड़ने और उनके एनआरआई पतियों के गायब हो जाने की 2,156 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 615 मामले अमेरिका से हैं, 586 मामले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से और 237 मामले सिंगापुर से सामने आए हैं। सरकार को सऊदी अरब से 119, कुवैत से 111, ब्रिटेन (यूके) से 104, ऑस्ट्रेलिया से 102 और कनाडा से इस तरह की 92 शिकायतें मिली हैं।

केरल के एक कार्यकर्ता और आरटीआई कार्यकर्ता के गोविंदन नंपूथिरी द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में इस जानकारी का पता चला है। उनका कहना है, ‘विदेश मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में 47 देशों में रिपोर्ट किए गए वैवाहिक विवादों की सूची उपलब्ध कराई है। इनमें से ज्यादातर मामले भारतीय पत्नियों के छोड़े जाने और घोस्टिंग के हैं। 2,156 भारतीय महिलाएं एनआरआई  पुरुष से शादी के बाद परेशानियां झेल रही हैं।’

विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा है कि विदेशों में भारतीय मिशनों के भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) खाते से करीब 64 लाख रुपये (64,44,944) खर्च किए गए हैं।छोड़ी गई भारतीय महिलाओं को आईसीडब्ल्यूएफ से कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है।

के गोविंदन का कहना है कि एनआरआई वैवाहिक विवादों को द्विपक्षीय चर्चाओं में भी शामिल किया जाना चाहिए। यह समय की जरूरत है क्योंकि इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विदेशों के वैवाहिक कानून के अनुसार मामलों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करना जरूरी है।

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