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असम: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 17 जगहों पर की छापेमारी, एक माओवादी को किया गया गिरफ्तार, जानें क्या है मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sun, 03 Apr 2022 11:16 PM IST

सार

छापेमारी की कार्रवाई के दौरान इस मामले में एक फरार आरोपी रीमा ओरंग उर्फ सरस्वती को भी असम के डिब्रूगढ़ जिले से गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने इन तलाशी के दौरान सीपीआई-माओवादी पार्टी के कुछ डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त करने का दावा किया है।
 

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भारत की आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए ने रविवार को असम में 17 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कछार जिले में एक फरार नक्सली को गिरफ्तार भी किया। एनआईए ने ये कार्रवाई ‘माओवादी’ नेटवर्क फैलाने के मामले में की। आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने असम के कछार, करीमगंज, डिब्रूगढ़ और धुबरी जिलों में तलाशी ली।

छापेमारी की कार्रवाई के दौरान इस मामले में एक फरार आरोपी रीमा ओरंग उर्फ सरस्वती को भी असम के डिब्रूगढ़ जिले से गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने इन तलाशी के दौरान सीपीआई-माओवादी पार्टी के कुछ डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त करने का दावा किया है।

यह मामला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य और नक्सली नेता अरुण कुमार भट्टाचार्जी उर्फ कंचन दा और भाकपा (माओवादी) की असम राज्य आयोजन समिति के सदस्य आकाश ओरंग उर्फ काजल की गिरफ्तारी से संबंधित है।  दोनों को 6 मार्च 2022 को कछार जिले के उदारबंद थाना अंतर्गत पटीमारा चाय बागान से गिरफ्तार किया गया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी  ने इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि ये आरोपी व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ असम और देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को फैलाने की कोशिश में शामिल थे। शुरुआत में ये मामला असम के गुवाहाटी, जिला कामरूप (मेट्रो) की पानबाजार क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इसके बाद 16 मार्च को एनआईए ने इसे फिर से पंजीकृत करते हुए जांच शुरू की थी।  

विस्तार

भारत की आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए ने रविवार को असम में 17 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कछार जिले में एक फरार नक्सली को गिरफ्तार भी किया। एनआईए ने ये कार्रवाई ‘माओवादी’ नेटवर्क फैलाने के मामले में की। आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने असम के कछार, करीमगंज, डिब्रूगढ़ और धुबरी जिलों में तलाशी ली।

छापेमारी की कार्रवाई के दौरान इस मामले में एक फरार आरोपी रीमा ओरंग उर्फ सरस्वती को भी असम के डिब्रूगढ़ जिले से गिरफ्तार किया गया है। एनआईए ने इन तलाशी के दौरान सीपीआई-माओवादी पार्टी के कुछ डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त करने का दावा किया है।

यह मामला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य और नक्सली नेता अरुण कुमार भट्टाचार्जी उर्फ कंचन दा और भाकपा (माओवादी) की असम राज्य आयोजन समिति के सदस्य आकाश ओरंग उर्फ काजल की गिरफ्तारी से संबंधित है।  दोनों को 6 मार्च 2022 को कछार जिले के उदारबंद थाना अंतर्गत पटीमारा चाय बागान से गिरफ्तार किया गया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी  ने इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद बताया था कि ये आरोपी व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ असम और देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को फैलाने की कोशिश में शामिल थे। शुरुआत में ये मामला असम के गुवाहाटी, जिला कामरूप (मेट्रो) की पानबाजार क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इसके बाद 16 मार्च को एनआईए ने इसे फिर से पंजीकृत करते हुए जांच शुरू की थी।  

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