न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार संभव
Updated Fri, 25 Feb 2022 11:14 PM IST
सार
बंद्योपाध्याय ने जनवरी में दिल्ली हाईकोर्ट में सीएटी की प्रधान पीठ के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। उनके मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। याचिका में बंद्योपाध्याय ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) की प्रधान पीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनके मामले को सीएटी कोलकाता शाखा से दिल्ली शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया था।
जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई के बाद सभी पक्षों से कल यानी शनिवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, न्यायाधिकरण के पास एक शाखा से दूसरी शाखा में मामले को स्थानांतरित करने की विशेष शक्तियां हैं। मेहता ने कहा कि मुख्य सचिव पिछले साल मई में पश्चिम मिदनापुर जिले के कलाइकुंडा हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री को लेने नहीं आए थे। उसके बाद यास चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक में भी वह मौजूद नहीं थे, यह अपने आप में उल्लंघन का बड़ा मामला है।
बंद्योपाध्याय ने जनवरी में दिल्ली हाईकोर्ट में सीएटी की प्रधान पीठ के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। उनके मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
विस्तार
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। याचिका में बंद्योपाध्याय ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) की प्रधान पीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनके मामले को सीएटी कोलकाता शाखा से दिल्ली शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया था।
जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई के बाद सभी पक्षों से कल यानी शनिवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, न्यायाधिकरण के पास एक शाखा से दूसरी शाखा में मामले को स्थानांतरित करने की विशेष शक्तियां हैं। मेहता ने कहा कि मुख्य सचिव पिछले साल मई में पश्चिम मिदनापुर जिले के कलाइकुंडा हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री को लेने नहीं आए थे। उसके बाद यास चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक में भी वह मौजूद नहीं थे, यह अपने आप में उल्लंघन का बड़ा मामला है।
बंद्योपाध्याय ने जनवरी में दिल्ली हाईकोर्ट में सीएटी की प्रधान पीठ के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी थी कि यह प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। उनके मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
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