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अमेरिकी संकल्प : हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और बढ़ाएंगे सैन्य शक्ति, ब्लिंकन ने कहा- बाइडन प्रशासन शांति-समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध

सार

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अपनी प्रतिबद्धता के तहत बाइडन प्रशासन नए साझेदार बनाकर अमेरिका के गठबंधन को मजबूत करेगा और सुनिश्चित करेगा कि अमेरिकी सैन्य प्रतिस्पर्धी बढ़त कायम रहे। उन्होंने इंडोनेशिया में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बाइडन प्रशासन की योजना को रेखांकित करते हुए कहा, खतरा मंडरा रहा है, हम तैयार हैं।

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अमेरिकी विदेश मंत्री ने एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि हम अपने एशियाई साझेदारों के साथ सैन्य और आर्थिक रिश्तों का विस्तार जारी रखेंगे। इससे चीन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, बाइडन प्रशासन क्षेत्र में शांति और समृद्धि कायम रखने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 

ब्लिंकन ने कहा कि अपनी प्रतिबद्धता के तहत बाइडन प्रशासन नए साझेदार बनाकर अमेरिका के गठबंधन को मजबूत करेगा और सुनिश्चित करेगा कि अमेरिकी सैन्य प्रतिस्पर्धी बढ़त कायम रहे। उन्होंने इंडोनेशिया में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बाइडन प्रशासन की योजना को रेखांकित करते हुए कहा, खतरा मंडरा रहा है, हम तैयार हैं और हम खतरे का मुकाबला करने के लिए अपनी सबसे बड़ी ताकत की ओर झुकेंगे जो हमारा गठबंधन और साझेदारी है।

उन्होंने कहा, यह हमारी ताकत को मजबूत करने के लिए है ताकि हम शांति कायम रख सकें, जैसा हमने दशकों से इस क्षेत्र में किया है। ब्लिंकन ने कहा, हम ऐसी रणनीति अपनाएंगे जो हमारी राष्ट्रीय ताकत, कूटनीति, सैन्य व खुफिया सूचना को हमारे साझेदारों व सहयोगियों के साथ लाती है। इसमें अमेरिकी-एशियाई रक्षा उद्योग को जोड़ना, आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करना शामिल है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने इंडोनेशिया दौरे पर जोर देकर कहा, अमेरिका देशों को उसके और चीन के बीच चुनने पर जोर नहीं दे रहा है और न ही चीन के साथ संघर्ष चाहता है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने बीजिंग के उत्तर-पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया में, मेकॉन्ग नदी से प्रशांत द्वीपों तक आक्रामक रुख की शिकायत की।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन और भारत स्वाभाविक साझेदार हैं जो 5जी, टेलीकॉम व स्टार्टअप पर साझेदारी समेत कई शानदार परियोजनाओं पर एक साथ काम कर रहे हैं। ग्लोबल टेक्नोलॉजी सम्मेलन को वीडियो लिंक के जरिये संबोधित करते हुए जॉनसन ने कहा कि आगामी दशक में भी भारत और ब्रिटेन प्रौद्योगिकी तथा अन्य क्षेत्रों में अपने संबंधों को मजबूत करना जारी रखेंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, यह सब कुछ 2030 के लिए तय की गई भारत-ब्रिटेन की रूपरेखा के अनुरूप है। उन्होंने कहा, नवाचार की हमारी साझा संस्कृति और उद्यमशीलता की भावना के साथ, दोनों देश स्वाभाविक भागीदार हैं। हम कई शानदार परियोजनाओं पर एक साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि साथ-साथ काम करते हुए, हम लोगों के जीवन को बदलने के लिए न केवल नई शुरुआत कर पाएंगे बल्कि ऐसी नई प्रौद्योगिकी को भी आकार देंगे जो स्वतंत्रता, खुलेपन और अमन के सिद्धांतों पर आधारित होगी।

ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा, हर बार मैं जब भी भारतीय व्यवसायियों से मिलती हूं तब मुझे याद आता है कि कौन सबसे स्वाभाविक भागीदार देश है। भारत दुनिया में ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा निवेश गंतव्य देश है। पूरे ब्रिटेन में भी इंफोसिस से लेकर टाटा तक भारतीय दिग्गज अपना कारोबार बढ़ा रहे हैं। हम दोनों देश समय की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं।

विस्तार

अमेरिकी विदेश मंत्री ने एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि हम अपने एशियाई साझेदारों के साथ सैन्य और आर्थिक रिश्तों का विस्तार जारी रखेंगे। इससे चीन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, बाइडन प्रशासन क्षेत्र में शांति और समृद्धि कायम रखने को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 

ब्लिंकन ने कहा कि अपनी प्रतिबद्धता के तहत बाइडन प्रशासन नए साझेदार बनाकर अमेरिका के गठबंधन को मजबूत करेगा और सुनिश्चित करेगा कि अमेरिकी सैन्य प्रतिस्पर्धी बढ़त कायम रहे। उन्होंने इंडोनेशिया में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर बाइडन प्रशासन की योजना को रेखांकित करते हुए कहा, खतरा मंडरा रहा है, हम तैयार हैं और हम खतरे का मुकाबला करने के लिए अपनी सबसे बड़ी ताकत की ओर झुकेंगे जो हमारा गठबंधन और साझेदारी है।

उन्होंने कहा, यह हमारी ताकत को मजबूत करने के लिए है ताकि हम शांति कायम रख सकें, जैसा हमने दशकों से इस क्षेत्र में किया है। ब्लिंकन ने कहा, हम ऐसी रणनीति अपनाएंगे जो हमारी राष्ट्रीय ताकत, कूटनीति, सैन्य व खुफिया सूचना को हमारे साझेदारों व सहयोगियों के साथ लाती है। इसमें अमेरिकी-एशियाई रक्षा उद्योग को जोड़ना, आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करना शामिल है।

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