वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Thu, 03 Feb 2022 02:30 PM IST
सार
एफटीसी की रिपोर्ट में ऐसे घोटालों में फेसबुक और इंस्टाग्राम की भूमिका का खास जिक्र किया गया है। जो मामले सामने आए, उनमें एक तिहाई लोग इन्हीं दोनों प्लेटफॉर्म्स पर घोटालेबाजों के संपर्क में आए थे। ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े घोटालों में तो इन दोनों प्लेटफॉर्म्स का हिस्सा 90 फीसदी रहा…
क्रिप्टोकरेंसी में फर्जी नाम से निवेश के जरिए हुए बड़े वित्तीय घोटालों ने विकसित देशों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। अमेरिका में इस हफ्ते इस सिलसिले में जारी एक रिपोर्ट ने इस फैल रही समस्या की तरफ दुनिया का ध्यान खींचा। अमेरिका सरकार की एजेंसी- फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने ऐसी शिकायतों की जांच की। उसके बाद उसने अपनी रिपोर्ट जारी की, जो लगातार चर्चा में है।
पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि क्रिप्टोकरेंसियों की लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ रही है। इसलिए अब इसके जरिए घोटाले भी ज्यादा होने लगे हैं। इसे देखते हुए अब ऐसी स्थिति बन गई है, जब सरकारें इस मसले से आंख नहीं चुरा सकतीं। समस्या इसलिए अधिक पेचीदा है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसियों का किन-किन प्रकारों से उपयोग किया जा रहा है, इस बारे में अभी तक पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
युवा बन रहे शिकार
एफटीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे घोटालों का शिकार ज्यादातर नौजवान बने हैं। आम तौर पर नौजवान तकनीकी रूप से काबिल होते हैं, लेकिन वित्तीय मामलों की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती। यही वजह है कि 18 से 39 साल तक उम्र वाले लोगों के ऐसे घोटालों का शिकार बनने की संभावना इससे अधिक उम्र वाले लोगों की तुलना में दो गुना पाई गई है।
एफटीसी ने बताया कि कुल जितने नुकसान की सूचना उसे मिली, उसमें 37 फीसदी संख्या उन मामलों की थी, जिनमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद रोमांस के लिए कराए गए भुगतान और ऑनलाइन शॉपिंग में हुए धोखे का नंबर रहा। रिपोर्ट में कहा गया है- ‘लोग धन भेजते हैं और इसके लिए अकसर वे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।’
एफटीसी की जांच के दौरान सामने आया कि जिन मामलों में निवेश घोटाला सोशल मीडिया पर नहीं हुआ था, उनमें भी बहुत से मामले ऐसे थे, जिनकी शुरुआत सोशल मीडिया से हुई। एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी से खूब पैसा कमाने का बखान करते हुए दूसरे लोगों को फर्जी निवेश साइटों पर जाने के लिए प्रेरित किया। रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने सबसे ज्यादा पैसा ऑनलाइन शॉपिंग के सिलसिले में हुई धोखाधड़ी के दौरान गंवाया।
फेसबुक और इंस्टाग्राम की भूमिका
न्यूज वेबसाइट एक्सियोस.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के बाद से अमेरिका में धोखाधड़ी के कुल सामने आए मामलों में सोशल मीडिया पर धोखा खाने के मामलों का हिस्सा 25 के करीब है। 2021 में अमेरिका में 95 हजार से ज्यादा लोगों ने सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी का शिकार बनने की शिकायत दर्ज कराई। इन मामलों में 77 करोड़ डॉलर का चूना लगाया गया था।
एफटीसी की रिपोर्ट में ऐसे घोटालों में फेसबुक और इंस्टाग्राम की भूमिका का खास जिक्र किया गया है। जो मामले सामने आए, उनमें एक तिहाई लोग इन्हीं दोनों प्लेटफॉर्म्स पर घोटालेबाजों के संपर्क में आए थे। ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े घोटालों में तो इन दोनों प्लेटफॉर्म्स का हिस्सा 90 फीसदी रहा।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी के चलन ने घोटालेबाजों का काम आसान बना दिया है। इसलिए अब यह सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसी धोखाधड़ी के प्रति लोगों को जागरूक करने और इनसे उन्हें बचाने के उपाय करेँ।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी में फर्जी नाम से निवेश के जरिए हुए बड़े वित्तीय घोटालों ने विकसित देशों की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। अमेरिका में इस हफ्ते इस सिलसिले में जारी एक रिपोर्ट ने इस फैल रही समस्या की तरफ दुनिया का ध्यान खींचा। अमेरिका सरकार की एजेंसी- फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने ऐसी शिकायतों की जांच की। उसके बाद उसने अपनी रिपोर्ट जारी की, जो लगातार चर्चा में है।
पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि क्रिप्टोकरेंसियों की लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ रही है। इसलिए अब इसके जरिए घोटाले भी ज्यादा होने लगे हैं। इसे देखते हुए अब ऐसी स्थिति बन गई है, जब सरकारें इस मसले से आंख नहीं चुरा सकतीं। समस्या इसलिए अधिक पेचीदा है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसियों का किन-किन प्रकारों से उपयोग किया जा रहा है, इस बारे में अभी तक पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
युवा बन रहे शिकार
एफटीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे घोटालों का शिकार ज्यादातर नौजवान बने हैं। आम तौर पर नौजवान तकनीकी रूप से काबिल होते हैं, लेकिन वित्तीय मामलों की उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती। यही वजह है कि 18 से 39 साल तक उम्र वाले लोगों के ऐसे घोटालों का शिकार बनने की संभावना इससे अधिक उम्र वाले लोगों की तुलना में दो गुना पाई गई है।
एफटीसी ने बताया कि कुल जितने नुकसान की सूचना उसे मिली, उसमें 37 फीसदी संख्या उन मामलों की थी, जिनमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद रोमांस के लिए कराए गए भुगतान और ऑनलाइन शॉपिंग में हुए धोखे का नंबर रहा। रिपोर्ट में कहा गया है- ‘लोग धन भेजते हैं और इसके लिए अकसर वे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है।’
एफटीसी की जांच के दौरान सामने आया कि जिन मामलों में निवेश घोटाला सोशल मीडिया पर नहीं हुआ था, उनमें भी बहुत से मामले ऐसे थे, जिनकी शुरुआत सोशल मीडिया से हुई। एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक व्यक्ति ने क्रिप्टोकरेंसी से खूब पैसा कमाने का बखान करते हुए दूसरे लोगों को फर्जी निवेश साइटों पर जाने के लिए प्रेरित किया। रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने सबसे ज्यादा पैसा ऑनलाइन शॉपिंग के सिलसिले में हुई धोखाधड़ी के दौरान गंवाया।
फेसबुक और इंस्टाग्राम की भूमिका
न्यूज वेबसाइट एक्सियोस.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के बाद से अमेरिका में धोखाधड़ी के कुल सामने आए मामलों में सोशल मीडिया पर धोखा खाने के मामलों का हिस्सा 25 के करीब है। 2021 में अमेरिका में 95 हजार से ज्यादा लोगों ने सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी का शिकार बनने की शिकायत दर्ज कराई। इन मामलों में 77 करोड़ डॉलर का चूना लगाया गया था।
एफटीसी की रिपोर्ट में ऐसे घोटालों में फेसबुक और इंस्टाग्राम की भूमिका का खास जिक्र किया गया है। जो मामले सामने आए, उनमें एक तिहाई लोग इन्हीं दोनों प्लेटफॉर्म्स पर घोटालेबाजों के संपर्क में आए थे। ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े घोटालों में तो इन दोनों प्लेटफॉर्म्स का हिस्सा 90 फीसदी रहा।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी के चलन ने घोटालेबाजों का काम आसान बना दिया है। इसलिए अब यह सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसी धोखाधड़ी के प्रति लोगों को जागरूक करने और इनसे उन्हें बचाने के उपाय करेँ।
Source link
Share this:
-
Click to share on Facebook (Opens in new window)
-
Like this:
Like Loading...