बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 21 Apr 2022 11:28 AM IST
सार
भारत के लिए आईएमएफ के मिशन प्रमुख नाडा चौइरी ने कहा कि भारत क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) के संबंध में कुल विश्व अर्थव्यवस्था के लगभग सात प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है और उन देशों में से एक है जो तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने का काम कर रही है।
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विस्तार
पूरी दुनिया के लिए अच्छी खबर
वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक में जारी किए गए विकास दर के अनुमान पर बोलते हुए आईएमएफ की एमडी क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत की तारीफ करते हुए कहा है कि भारत की उच्च ग्रोथ रेट न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने कहा कि भारत ने संकट काल मे खुद को साबित किया है और दूसरे देशों के लिए एक मिसाल बनकर उभरा है। जॉर्जीवा ने कहा कि भले ही आईएमएफ ने 2022 के लिए भारत के विकास दर के अनुमसान को 0.8 फीसदी घटा दिया हो, फिर भी ये दुनिया में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। जार्जीवा ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अहम भूमिका निभा रहा है।
8.2% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
गौरतलब है कि आईएमएफ ने 2022 में भारत की विकास दर के अनुमान को घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है। 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.9 फीसदी रही थी। मामूली गिरावट के बाद भी भारत का ग्रोथ रेट अनुमान चीन और अमेरिका से कहीं ज्यादा है। चीन के लिए ग्रोथ अनुमान 4.4 फीसदी है यानी भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से दोगुनी रहेगी। चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.1 प्रतिशत रही थी। इसके अलावा अमेरिका की वृद्धि दर 2022 में 3.7 प्रतिशत और 2023 में 2.3 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है। वर्ष 2021 में अमेरिकी की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी। वहीं आईएमएफ ने वैश्विक विकास दर के अनुमान को घटाकर 3.6 फीसदी किया है, जो कि 2021 के 6.1 फीसदी से बेहद कम है।
तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा भारत
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के सफल व्यापक आर्थिक प्रबंधन के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है। इससे देश मौजूदा यूक्रेनी संकट के आर्थिक नतीजों का सामना करने के लिए बेहतर स्थिति में है। भारत के लिए आईएमएफ के मिशन प्रमुख नाडा चौइरी ने कहा कि भारत क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) के संबंध में कुल विश्व अर्थव्यवस्था के लगभग सात प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है और उन देशों में से एक है जो तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने का काम कर रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का व्यापक असर
चौइरी ने कहा कि आईएमएफ ने भारत के विकास दर के अनुमान में जो कमी की है, यह काफी हद तक डेढ़ महीने से ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण है। इसके चलते निश्चित रूप से तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों मे उछाल आया है, जो लंबे समय तक बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बाहरी मांग पर भी इसका असर पड़ा है और खासतौर से यूरोप में यूक्रेन में युद्ध के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी का नजारा साफ दिख रहा है।