बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 28 Mar 2022 02:08 PM IST
सार
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच किफायती तेल खरीद के रूसी प्रस्ताव को स्वीकार करने पर अमेरिका ने भारत पर भड़काऊ टिप्पणी की थी। वहीं अब एक बार फिर से भारत ने अमेरिका को भड़काने की तैयारी कर ली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने तेल के साथ-साथ अब रूस से दोगुनी मात्रा में कोयला खरीदने की योजना तैयार की है।
रूस और यूक्रेन के बीच बीते 33 दिनों से भीषण युद्ध जारी है। इस बीच हमले के खिलाफ अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। हालांकि, इस बीच भारत ने रूस से किफायती दाम में तेल खरीदने की घोषणा करके प्रतिबंध लगाने वाले देशों को चौंका दिया। वहीं अब भारत ने जो योजना बनाई है उससे अमेरिका को और मिर्ची लगने वाली है। दरअसल, तेल के साथ अब भारत रूस से और अधिक कोयला खरीदने की तैयारी कर रहा है।
कोयले का आयात बढ़ाने की तैयारी
केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि भारत, रूस से कोकिंग कोल का आयात करना न केवल जारी रखेगा, बल्कि इसे बढ़ाएगा भी। रूस से भारी छूट मिलने के बाद भारत सरकार ने रूस से कच्चा तेल खरीदने का फैसला किया था और रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी को भारत की तरफ से ऑर्डर भी मिल चुका है। वहीं अब सरकार की आगे की योजना की बात करें तो रूस से कोयले का आयात दोगुना करने की योजना तैयार की गई है। यहां बता दें कि रूस के किफायती तेल के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सरकार ने साफ कर दिया था कि वो पश्चिमी देशों के प्रभाव में आए बगैर अपने देश का हित देखेगा और जिस देश से उसे फायदा होगा, उसके साथ कारोबार आगे बढ़ाएगा।
अमेरिका को और भड़काने वाली डील
गौरतलब है कि किफायती तेल खरीद के प्रस्ताव को जब भारत ने हरी झंडी दिखाई थी तो अमेरिका एकदम से भड़क गया था। अमेरिका की ओर से कहा गया था कि भले ही भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करेगा, लेकिन यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इतिहास के गलत पक्ष में डाल देगा। इस पर भारत ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका को जवाब दिया था कि इस मामले पर राजनीति कतई न की जाए। वहीं अब जब भारत ने तेल के साथ रूस से कोयले का आयात दोगुना करने का फैसला किया है तो अमेरिका का और भी भड़कना लाजिमी है। यह फैसला करके भारत ने साफ कर दिया है कि उसे देशहित के आगे पश्चिमी देशों की राजनीति से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
कोयले का दूसरा बड़ा खरीदार भारत
भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोयला खरीददार देश है। रूस से कोयले की खरीद करने वाले देशों की सूची को देखें तो इसमें भारत छठे स्थान पर है। रिपोर्ट की मानें तो भारत में भी अच्छा खासा कोयला उत्पादित किया जाता है। लेकिन, रूस के कोयले की क्वालिटी भारत और चीन की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छी है। स्टील उद्योग के लिए खासतौर पर रूसी कोयले को काफी अच्छा माना जाता है। भारत में स्टील उद्योग का बाजार अपने आप में बहुत बड़ा है और इस लिहाज से देखें तो देश में रूस से आयतित कोयले की मांगी भी बहुत अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2020 के बाद भारत ने पहली बार रूस से कोयले के आयात में अतनी बड़ी वृद्धि की योजना बनाई है।
विस्तार
रूस और यूक्रेन के बीच बीते 33 दिनों से भीषण युद्ध जारी है। इस बीच हमले के खिलाफ अमेरिका समेत कई देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। हालांकि, इस बीच भारत ने रूस से किफायती दाम में तेल खरीदने की घोषणा करके प्रतिबंध लगाने वाले देशों को चौंका दिया। वहीं अब भारत ने जो योजना बनाई है उससे अमेरिका को और मिर्ची लगने वाली है। दरअसल, तेल के साथ अब भारत रूस से और अधिक कोयला खरीदने की तैयारी कर रहा है।
कोयले का आयात बढ़ाने की तैयारी
केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि भारत, रूस से कोकिंग कोल का आयात करना न केवल जारी रखेगा, बल्कि इसे बढ़ाएगा भी। रूस से भारी छूट मिलने के बाद भारत सरकार ने रूस से कच्चा तेल खरीदने का फैसला किया था और रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी को भारत की तरफ से ऑर्डर भी मिल चुका है। वहीं अब सरकार की आगे की योजना की बात करें तो रूस से कोयले का आयात दोगुना करने की योजना तैयार की गई है। यहां बता दें कि रूस के किफायती तेल के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सरकार ने साफ कर दिया था कि वो पश्चिमी देशों के प्रभाव में आए बगैर अपने देश का हित देखेगा और जिस देश से उसे फायदा होगा, उसके साथ कारोबार आगे बढ़ाएगा।
अमेरिका को और भड़काने वाली डील
गौरतलब है कि किफायती तेल खरीद के प्रस्ताव को जब भारत ने हरी झंडी दिखाई थी तो अमेरिका एकदम से भड़क गया था। अमेरिका की ओर से कहा गया था कि भले ही भारत अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करेगा, लेकिन यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इतिहास के गलत पक्ष में डाल देगा। इस पर भारत ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका को जवाब दिया था कि इस मामले पर राजनीति कतई न की जाए। वहीं अब जब भारत ने तेल के साथ रूस से कोयले का आयात दोगुना करने का फैसला किया है तो अमेरिका का और भी भड़कना लाजिमी है। यह फैसला करके भारत ने साफ कर दिया है कि उसे देशहित के आगे पश्चिमी देशों की राजनीति से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
कोयले का दूसरा बड़ा खरीदार भारत
भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोयला खरीददार देश है। रूस से कोयले की खरीद करने वाले देशों की सूची को देखें तो इसमें भारत छठे स्थान पर है। रिपोर्ट की मानें तो भारत में भी अच्छा खासा कोयला उत्पादित किया जाता है। लेकिन, रूस के कोयले की क्वालिटी भारत और चीन की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छी है। स्टील उद्योग के लिए खासतौर पर रूसी कोयले को काफी अच्छा माना जाता है। भारत में स्टील उद्योग का बाजार अपने आप में बहुत बड़ा है और इस लिहाज से देखें तो देश में रूस से आयतित कोयले की मांगी भी बहुत अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2020 के बाद भारत ने पहली बार रूस से कोयले के आयात में अतनी बड़ी वृद्धि की योजना बनाई है।
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