एएनआई, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 13 Jan 2022 03:39 AM IST
प्रतिबंध नीति के समन्वयक के लिए नामित जेम्स ओब्रायन
– फोटो : ANI
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इसी बीच भारत पर काटसा (काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंशंस एक्ट) के तहत प्रतिबंध लगाने के लिए प्रतिबंध नीति के समन्वयक के लिए नामित जेम्स ओब्रायन ने कहा, “मुझे लगता है कि हमें यह देखना होगा कि संतुलन कैसे बनेगा… इस संबंध में और अधिक कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह कुछ ऐसा है जो मैं आपके और अन्य इच्छुक सदस्यों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।”
जेम्स ओब्रायन ने कहा, “बाइडन प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वह भारत को रूसी उपकरणों के अधिग्रहण के साथ आगे बढ़ने से रोकना चाहता है, लेकिन भारत के साथ एक महत्वपूर्ण भू-रणनीतिक विचार पर गौर करना जरूरी है, विशेष रूप से चीन के साथ संबंधों को लेकर।”
जेम्स ओब्रायन ने कहा कि “दो स्थितियों की तुलना करना मुश्किल है- एक नाटो सहयोगी (तुर्की) जिसके साथ विरासत में मिला रिश्ता टूट रहा है… और दूसरा भारत, बढ़ते महत्व का भागीदार है, लेकिन रूस के साथ उसके विरासत संबंध हैं।”
US | It’s difficult to compare the 2 situations—a NATO ally (Turkey) that is breaking with legacy…& India, a partner of growing importance, but that has legacy relationships with Russia: James O’Brien, nominee, Coordinator for Sanctions Policy over CAATSA sanctions on India pic.twitter.com/YcWbGGqBK5
— ANI (@ANI) January 12, 2022
क्या है CAATSA कानून?
CAATSA का मतलब ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शन एक्ट’ है, आसान शब्दों में कहें तो प्रतिबंध के जरिए अमेरिका अपने विरोधियों से मुकाबला करता है। अमेरिका ने इस कानून को अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ एक दंडात्मक कार्रवाई के रूप में बनाया। यह कानून पहली बार दो अगस्त 2017 को लाया गया था, जिसके बाद इसे जनवरी 2018 में लागू किया गया था। इस कानून का मकसद अमेरिका के दुश्मन देशों ईरान, रूस और उत्तर कोरिया की आक्रामकता का मुकाबला करना है। हालांकि अब भारत के लिए खतरे की तलवार लटक रही है और इसकी वजह रूस की S-400 मिसाइल बनी है।
क्या है एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम?
एस-400 मिसाइल सिस्टम को दुनिया की सबसे सक्षम मिसाइल प्रणाली माना जाता है। एस-400 सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत है कि यह एक बार में एक साथ 72 मिसाइल छोड़ सकती है और इसे कहीं मूव करना बहुत आसान है। सैन्य ट्रक पर डालकर इस सिस्टम को कहीं भी प्लेस किया जा सकता है। माइनस 50 डिग्री से लेकर माइनस 70 डिग्री तक तापमान में काम करने में सक्षम इस मिसाइल को नष्ट कर पाना दुश्मन के लिए बहुत मुश्किल है।