एजेंसी, वाशिंगटन
Published by: Kuldeep Singh
Updated Thu, 28 Oct 2021 02:20 AM IST
सार
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह (बेबी प्लैनेट) अभी अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में है। इस समय यह बेहद गर्म है और इससे काफी ज्यादा ऊर्जा निकल रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका तापमान धरती पर लावा उगल रहे किसी भी ज्वालामुखी के बराबर हो सकता है।
अंतरिक्ष विज्ञानियों ने सबसे युवा ग्रह की खोज की है। यह पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के बाद ग्रहों की उत्पत्ति के नए खुलासे होंगे। 2एम0437बी नामक ग्रह बृहस्पति से भी बड़ा और धरती के ज्वालामुखी जैसा गर्म है।
पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर, चारों तरफ बना है धूल का गुबार
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह (बेबी प्लैनेट) अभी अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में है। इस समय यह बेहद गर्म है और इससे काफी ज्यादा ऊर्जा निकल रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका तापमान धरती पर लावा उगल रहे किसी भी ज्वालामुखी के बराबर हो सकता है।
इसे पहली बार साल 2018 में देखा गया था। उसी समय से इस पर लगातार निगरानी की जा रही है। यह अपने तारे 2एम0437 के करीब है। नया ग्रह अपने तारे के चारों तरफ धीमी गति से चक्कर लगा रहा है। इस ग्रह को खोजने वाली टीम के वैज्ञानिक एरिक गाइडोस ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह उन ग्रहों में से एक है, जिन्हें हम धरती पर मौजूद टलीस्कोप से देख सकते हैं।
वैज्ञानिक एरिक गाइडोस ने बताया कि जब उन्होंने इस ग्रह से निकलने वाली रोशनी की जांच की तो पता चला कि इसके चारों तरफ गैस की डिस्क बनी हुई थी, जो अब नहीं है। लेकिन इसके तारे के चारों तरफ धूल का गुबार है, जो अब भी इस ग्रह से निकल रहा है। गाइडोस ने बताया कि 2एम0437बी का व्यास हमारे सौर मंडल में मौजूद बृहस्पति ग्रह से कई गुना ज्यादा है। यह अपने तारे के चारों तरफ जिस कक्षा में चक्कर लगा रहा है, वह धरती से सूर्य के बीच मौजूद कक्षा से 100 गुना बड़ी है।
विस्तार
अंतरिक्ष विज्ञानियों ने सबसे युवा ग्रह की खोज की है। यह पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज के बाद ग्रहों की उत्पत्ति के नए खुलासे होंगे। 2एम0437बी नामक ग्रह बृहस्पति से भी बड़ा और धरती के ज्वालामुखी जैसा गर्म है।
पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर, चारों तरफ बना है धूल का गुबार
यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के वैज्ञानिकों ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह (बेबी प्लैनेट) अभी अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों में है। इस समय यह बेहद गर्म है और इससे काफी ज्यादा ऊर्जा निकल रही है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका तापमान धरती पर लावा उगल रहे किसी भी ज्वालामुखी के बराबर हो सकता है।
इसे पहली बार साल 2018 में देखा गया था। उसी समय से इस पर लगातार निगरानी की जा रही है। यह अपने तारे 2एम0437 के करीब है। नया ग्रह अपने तारे के चारों तरफ धीमी गति से चक्कर लगा रहा है। इस ग्रह को खोजने वाली टीम के वैज्ञानिक एरिक गाइडोस ने कहा कि 2एम0437बी ग्रह उन ग्रहों में से एक है, जिन्हें हम धरती पर मौजूद टलीस्कोप से देख सकते हैं।
वैज्ञानिक एरिक गाइडोस ने बताया कि जब उन्होंने इस ग्रह से निकलने वाली रोशनी की जांच की तो पता चला कि इसके चारों तरफ गैस की डिस्क बनी हुई थी, जो अब नहीं है। लेकिन इसके तारे के चारों तरफ धूल का गुबार है, जो अब भी इस ग्रह से निकल रहा है। गाइडोस ने बताया कि 2एम0437बी का व्यास हमारे सौर मंडल में मौजूद बृहस्पति ग्रह से कई गुना ज्यादा है। यह अपने तारे के चारों तरफ जिस कक्षा में चक्कर लगा रहा है, वह धरती से सूर्य के बीच मौजूद कक्षा से 100 गुना बड़ी है।
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