Business

अब उठा सवाल: क्या है बिटकॉइन की फंडामेंटल वैल्यू? क्या भविष्य में डॉटकॉम बबल जैसा होगा हाल

अब उठा सवाल: क्या है बिटकॉइन की फंडामेंटल वैल्यू? क्या भविष्य में डॉटकॉम बबल जैसा होगा हाल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन
Published by: Harendra Chaudhary
Updated Sat, 13 Nov 2021 04:30 PM IST

सार

सोने की फंडामेंटल वैल्यू जेवरात, डेंटल फिलिंग, या इलेक्ट्रॉनिक्स में उसके इस्तेमाल से तय होती है। लेकिन लोग सोना सिर्फ इस फंडामेंटल वैल्यू की वजह से नहीं खरीदते। परंपरागत रूप से सोने का इस्तेमाल राष्ट्रीय मुद्राओं की कीमत तय करने के लिए भी होता रहा है। राष्ट्रीय मुद्राएं चूंकि सरकार जारी करती हैं, इसलिए उन्हें सिस्टम के भीतर लेन-देन का माध्यम माना जाता है…

बिटक्वाइन और सोना
– फोटो : Agency (File Photo)

ख़बर सुनें

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के साथ ही अनुमान लगाए जाने लगे हैं कि अब इसका भाव एक लाख अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। विश्लेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अनुमानों का कोई ठोस आधार नहीं है। लेकिन जिस तरह हाल के महीनों में बिटकॉइन के दाम लगातार बढ़े हैं, उसकी वजह से ये धारणा बन गई है कि इस अनियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी के भाव में लगातार इजाफा होता रहेगा।

ऐसे अंदाजों की वजह से बिटकॉइन में अपना पैसा लगाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जबकि अर्थशास्त्रियों यह सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि क्या सचमुच बिटकॉइन की कोई मौलिक मूल्य (फंडामेंटल वैल्यू) है। परंपरागत वित्तीय व्यवस्था में फंडामेंटल वैल्यू उस रकम को कहा जाता है, जिसके किसी संपत्ति की वजह से पैदा होने की आशा रखी जाती है। मसलन, किसी सेब के पड़े का फंडामेंटल वैल्यू वह होता है, जो उस पर लगने वाले सेब को बेचने से मिलने की संभावना रहती है। इसी तरह अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो उसका फंडामेंटल वैल्यू वह होगा, जो कंपनी को होने वाले मुनाफे से लाभांश के रूप में आपको मिलेगा।

सोने की फंडामेंटल वैल्यू जेवरात, डेंटल फिलिंग, या इलेक्ट्रॉनिक्स में उसके इस्तेमाल से तय होती है। लेकिन लोग सोना सिर्फ इस फंडामेंटल वैल्यू की वजह से नहीं खरीदते। परंपरागत रूप से सोने का इस्तेमाल राष्ट्रीय मुद्राओं की कीमत तय करने के लिए भी होता रहा है। राष्ट्रीय मुद्राएं चूंकि सरकार जारी करती हैं, इसलिए उन्हें सिस्टम के भीतर लेन-देन का माध्यम माना जाता है। इसलिए सरकार मुद्रा पर जो रकम छाप देती है, उसे उसकी कीमत के रूप में स्वीकार किया जाता है।

केवल भरोसा है आधार

विशेषज्ञों का प्रश्न है कि क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य का आखिर क्या आधार है? उनके मुताबिक इसका एकमात्र आधार यह है कि लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं और इसे विनिमय की इकाई के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। बिटकॉइन या इथेरियम या डॉगकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसियों को निजी रूप से पेश किया गया है। उनके वैल्यू को तय करने के लिए कोई संपत्ति जैसा आधार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए इनकी फंडामेंटल वैल्यू तय करना कठिन है।

इस बीच बिटकॉइन को डिजिटल गोल्ड कहा जा रहा है। ये बात अकसर बिटकॉइन के समर्थकों की तरफ से की जाती है। उनकी दलील है कि जिस तरह सोने की सप्लाई कम होने की वजह से उसका भाव महंगा रहता है, उसी तरह बिटकॉइन की सप्लाई भी कम है। लेकिन इन दोनों का भंडार उससे अधिक है, जितनी इनकी बाजार में सप्लाई है। लेकिन इस सिलसिले में ये सवाल पूछा गया कि अगर बिटकॉइन का भाव सोने के तर्क से तय होता है, तो पिछले साल अचानक गिर कर यह आधा क्यों रह गया था।

अभी बिटकॉइन के भाव में जो उछाल आया है, कई विशेषज्ञ उसकी तुलना साल 2000 में आए डॉटकॉम बबल से कर रहे हैं। तब इंटरनेट नया था। इस तकनीक को लेकर अत्यधिक अपेक्षाएं जगाई गईं, जिससे डॉटकॉम कंपनियों में लोगों ने बड़ा निवेश कर दिया। लेकिन जल्द ही ये गुब्बारा फूट गया। क्या बिटकॉइन के साथ भी ऐसा होगा? इस बारे में कोई पूरे भरोसे के साथ अभी कुछ कहने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है।

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के साथ ही अनुमान लगाए जाने लगे हैं कि अब इसका भाव एक लाख अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। विश्लेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अनुमानों का कोई ठोस आधार नहीं है। लेकिन जिस तरह हाल के महीनों में बिटकॉइन के दाम लगातार बढ़े हैं, उसकी वजह से ये धारणा बन गई है कि इस अनियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी के भाव में लगातार इजाफा होता रहेगा।

ऐसे अंदाजों की वजह से बिटकॉइन में अपना पैसा लगाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जबकि अर्थशास्त्रियों यह सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि क्या सचमुच बिटकॉइन की कोई मौलिक मूल्य (फंडामेंटल वैल्यू) है। परंपरागत वित्तीय व्यवस्था में फंडामेंटल वैल्यू उस रकम को कहा जाता है, जिसके किसी संपत्ति की वजह से पैदा होने की आशा रखी जाती है। मसलन, किसी सेब के पड़े का फंडामेंटल वैल्यू वह होता है, जो उस पर लगने वाले सेब को बेचने से मिलने की संभावना रहती है। इसी तरह अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो उसका फंडामेंटल वैल्यू वह होगा, जो कंपनी को होने वाले मुनाफे से लाभांश के रूप में आपको मिलेगा।

सोने की फंडामेंटल वैल्यू जेवरात, डेंटल फिलिंग, या इलेक्ट्रॉनिक्स में उसके इस्तेमाल से तय होती है। लेकिन लोग सोना सिर्फ इस फंडामेंटल वैल्यू की वजह से नहीं खरीदते। परंपरागत रूप से सोने का इस्तेमाल राष्ट्रीय मुद्राओं की कीमत तय करने के लिए भी होता रहा है। राष्ट्रीय मुद्राएं चूंकि सरकार जारी करती हैं, इसलिए उन्हें सिस्टम के भीतर लेन-देन का माध्यम माना जाता है। इसलिए सरकार मुद्रा पर जो रकम छाप देती है, उसे उसकी कीमत के रूप में स्वीकार किया जाता है।

केवल भरोसा है आधार

विशेषज्ञों का प्रश्न है कि क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य का आखिर क्या आधार है? उनके मुताबिक इसका एकमात्र आधार यह है कि लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं और इसे विनिमय की इकाई के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। बिटकॉइन या इथेरियम या डॉगकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसियों को निजी रूप से पेश किया गया है। उनके वैल्यू को तय करने के लिए कोई संपत्ति जैसा आधार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए इनकी फंडामेंटल वैल्यू तय करना कठिन है।

इस बीच बिटकॉइन को डिजिटल गोल्ड कहा जा रहा है। ये बात अकसर बिटकॉइन के समर्थकों की तरफ से की जाती है। उनकी दलील है कि जिस तरह सोने की सप्लाई कम होने की वजह से उसका भाव महंगा रहता है, उसी तरह बिटकॉइन की सप्लाई भी कम है। लेकिन इन दोनों का भंडार उससे अधिक है, जितनी इनकी बाजार में सप्लाई है। लेकिन इस सिलसिले में ये सवाल पूछा गया कि अगर बिटकॉइन का भाव सोने के तर्क से तय होता है, तो पिछले साल अचानक गिर कर यह आधा क्यों रह गया था।

अभी बिटकॉइन के भाव में जो उछाल आया है, कई विशेषज्ञ उसकी तुलना साल 2000 में आए डॉटकॉम बबल से कर रहे हैं। तब इंटरनेट नया था। इस तकनीक को लेकर अत्यधिक अपेक्षाएं जगाई गईं, जिससे डॉटकॉम कंपनियों में लोगों ने बड़ा निवेश कर दिया। लेकिन जल्द ही ये गुब्बारा फूट गया। क्या बिटकॉइन के साथ भी ऐसा होगा? इस बारे में कोई पूरे भरोसे के साथ अभी कुछ कहने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top
%d bloggers like this: