एजेंसी, काबुल।
Published by: Jeet Kumar
Updated Wed, 02 Mar 2022 11:54 PM IST
सार
फंड के खर्च का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान में कमजोर लोगों की रक्षा करना, मानव पूंजी और प्रमुख आर्थिक और सामाजिक सेवाओं को संरक्षित करने में मदद करना है।
गंभीर आर्थिक संकट झेल रहे अफगानिस्तान के लिए विश्व बैंक ने एक अरब डॉलर की मानवीय सहायता देने की घोषणा की है। लेकिन कहा है कि यह वित्तीय मदद अफगानिस्तान में तालिबान शासकों के नियंत्रण में नहीं रहेगी। इसका इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से किया जा सकेगा।
इस फंड के खर्च का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान में कमजोर लोगों की रक्षा करना, मानव पूंजी और प्रमुख आर्थिक और सामाजिक सेवाओं को संरक्षित करने में मदद करना है।
साथ ही विश्व बैंक की इस मदद से भविष्य में अफगानिस्तान की मानवीय सहायता की आवश्यकता को कम करने की कोशिश होगी। यह मदद पिछले दिसंबर में अफगानिस्तान को पुनर्निर्माण ट्रस्ट फंड से मिले 28 करोड़ डॉलर का अनुसरण करती है।
बता दें, कट्टरपंथी इस्लामी तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद विश्व बैंक ने पिछले अगस्त के अंत में काबुल को मिलने वाली सहायता राशि रोक दी थी। यह ट्रस्ट तालिबान के सत्ता में आने से पहले अफगानिस्तान के लिए विकास निधि का सबसे बड़ा स्रोत रह चुका है। यह सरकारी बजट का 30 फीसदी तक वित्तपोषण करता था।
कई चुनौतियों से जूझ रहा अफगानिस्तान
तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हो गई हैं। इनमें भोजन की कमी, बेरोजगारी, शिक्षा का अभाव और गरीबी सबसे मूलभूत समस्याएं हैं। विश्व बैंक ने कहा कि नई सहायता का मकसद कमजोर अफगानों की रक्षा करना और मानव पूंजी तथा प्रमुख आर्थिक व सामाजिक सेवाओं को संरक्षित करने में मदद करना है।
विस्तार
गंभीर आर्थिक संकट झेल रहे अफगानिस्तान के लिए विश्व बैंक ने एक अरब डॉलर की मानवीय सहायता देने की घोषणा की है। लेकिन कहा है कि यह वित्तीय मदद अफगानिस्तान में तालिबान शासकों के नियंत्रण में नहीं रहेगी। इसका इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से किया जा सकेगा।
इस फंड के खर्च का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान में कमजोर लोगों की रक्षा करना, मानव पूंजी और प्रमुख आर्थिक और सामाजिक सेवाओं को संरक्षित करने में मदद करना है।
साथ ही विश्व बैंक की इस मदद से भविष्य में अफगानिस्तान की मानवीय सहायता की आवश्यकता को कम करने की कोशिश होगी। यह मदद पिछले दिसंबर में अफगानिस्तान को पुनर्निर्माण ट्रस्ट फंड से मिले 28 करोड़ डॉलर का अनुसरण करती है।
बता दें, कट्टरपंथी इस्लामी तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद विश्व बैंक ने पिछले अगस्त के अंत में काबुल को मिलने वाली सहायता राशि रोक दी थी। यह ट्रस्ट तालिबान के सत्ता में आने से पहले अफगानिस्तान के लिए विकास निधि का सबसे बड़ा स्रोत रह चुका है। यह सरकारी बजट का 30 फीसदी तक वित्तपोषण करता था।
कई चुनौतियों से जूझ रहा अफगानिस्तान
तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान में कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हो गई हैं। इनमें भोजन की कमी, बेरोजगारी, शिक्षा का अभाव और गरीबी सबसे मूलभूत समस्याएं हैं। विश्व बैंक ने कहा कि नई सहायता का मकसद कमजोर अफगानों की रक्षा करना और मानव पूंजी तथा प्रमुख आर्थिक व सामाजिक सेवाओं को संरक्षित करने में मदद करना है।
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