पीटीआई, काबुल
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sat, 12 Feb 2022 10:21 AM IST
सार
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से आम नागरिकों के साथ-साथ पत्रकारों की भी शामत आ गई है। तालिबान कई पत्रकारों को नजरबंद कर या तो मौत के घाट उतार रहा या यातनाएं दे रहा है।
अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा अगवा किए गए नौ पत्रकारों में से दो को रिहा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने बड़ा बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि अब पूरी दुनिया में मनमाने ढंग से नजरबंदी खत्म होनी चाहिए। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को इस मामले से परिचित सूत्रों और बंदियों के रिश्तेदारों का हवाला देते हुए बताया कि तालिबान ने काबुल में कम से कम नौ विदेशियों को हिरासत में लिया था, जिनमें एक अमेरिकी और कई ब्रिटिश नागरिक शामिल थे। हिरासत में लिए गए दोनों पत्रकारों में से दो को शुक्रवार देर रात रिहा कर दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने बताया स्वागत योग्य कदम
वहीं तालिबान द्वारा पत्रकारों को रिहा करने के बाद अफगानिस्तान स्थित संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है। संस्था ने कहा कि अब समय आ गया है कि मनमानी नजरबंदी पर नकेल कसा जाए। संस्था ने कहा है कि उन सभी पत्रकारों को जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए जिन्हें अवैध तरीके से नजरबंद किया गया है। संस्था ने पत्रकारों के अलावा आम नागरिकों की स्वतंत्रता को लेकर भी चिंता जताई।
यूएनएचसीआर ने कहा- रिहाई से मिली राहत
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा है कि हमारे साथ काम करने वाले दो पत्रकारों और उनके साथ काम कर रहे अफगान नागरिकों की काबुल में रिहाई की पुष्टि करते हुए हमें राहत मिली है। हम उन सभी के आभारी हैं जिन्होंने चिंता व्यक्त की और मदद की पेशकश की। हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विस्तार
अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा अगवा किए गए नौ पत्रकारों में से दो को रिहा करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने बड़ा बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि अब पूरी दुनिया में मनमाने ढंग से नजरबंदी खत्म होनी चाहिए। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को इस मामले से परिचित सूत्रों और बंदियों के रिश्तेदारों का हवाला देते हुए बताया कि तालिबान ने काबुल में कम से कम नौ विदेशियों को हिरासत में लिया था, जिनमें एक अमेरिकी और कई ब्रिटिश नागरिक शामिल थे। हिरासत में लिए गए दोनों पत्रकारों में से दो को शुक्रवार देर रात रिहा कर दिया गया।
संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने बताया स्वागत योग्य कदम
वहीं तालिबान द्वारा पत्रकारों को रिहा करने के बाद अफगानिस्तान स्थित संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है। संस्था ने कहा कि अब समय आ गया है कि मनमानी नजरबंदी पर नकेल कसा जाए। संस्था ने कहा है कि उन सभी पत्रकारों को जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए जिन्हें अवैध तरीके से नजरबंद किया गया है। संस्था ने पत्रकारों के अलावा आम नागरिकों की स्वतंत्रता को लेकर भी चिंता जताई।
यूएनएचसीआर ने कहा- रिहाई से मिली राहत
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा है कि हमारे साथ काम करने वाले दो पत्रकारों और उनके साथ काम कर रहे अफगान नागरिकों की काबुल में रिहाई की पुष्टि करते हुए हमें राहत मिली है। हम उन सभी के आभारी हैं जिन्होंने चिंता व्यक्त की और मदद की पेशकश की। हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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