‘वर्क फ्रॉम होम’ के लिए कानून लाएगी सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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कोरोना महामारी के चलते जहां एक तरफ लोगों के जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है वहीं दूसरी तरफ लोगों के काम-काज में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। वहीं एक बार फिर ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। इसी के साथ एक बार फिर वर्क फ्रॉम होम को लेकर चर्चा बढ़ गई है। जबकि कई कार्यालयों में तो कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी गई है। इसी क्रम में आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने 31 दिसंबर की शाम को ट्वीट कर जानकारी दी कि उनकी कंपनी ने सभी कर्मचारियों घर से काम करने को कहा है, साथ ही सभी दफ़्तर बंद रहेंगे। इसके साथ कई सरकारी दफ्तरों में भी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जा रही है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार भी ऐसे नियम लाने पर विचार कर रही है। इसके तहत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का भी विकल्प मिलेगा।
‘वर्क फ्रॉम होम’ के लिए कानून लाएगी सरकार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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- दरअसल, श्रम मंत्रालय ने वर्क फ्रॉम होम के लिए एक ड्राफ्ट भी जारी किया है। इस ड्राफ्ट में मैनुफैक्चरिंग, माइनिंग और सर्विस सेक्टर के कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार के इस कदम से कार्यालयों के वर्क कल्चर में कफी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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एचआरए में हो सकती है कटौती
- इस नई नीति के तहत कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए में भी कटौती पर विचार किया जा रहा है। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी किए गए वर्क फ्रॉम होम ड्राफ्ट के तहत आईटी सेक्टर को नए नियमों में विशेष छूट भी मिल सकती हैं। इसमें आईटी कर्मचारियों को वर्किंग ऑवर में भी सहूलियत मिलने की संभावना हैं।
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- श्रम मंत्रालय के अनुसार आईटी सेक्टर के कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, साथ ही सर्विस सेक्टर की सभी जरूरत के मद्देनजर पहली बार ये खास मॉडल तैयार किया गया है।
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- इसके अलावा श्रम मंत्रालय ने इस नए ड्राफ्ट्स पर आम लोगों से भी सुझाव मांगे हैं। यदि आप भी इसके संबंध में कोई सुझाव देना चाहते हैं तो 30 दिनों के भीतर श्रम मंत्रालय के पास अपना सुझाव भेज सकते हैं। हालांकि, ये उम्मीद की जा रही है कि इस कानून को श्रम मंत्रालय अप्रैल में लागू कर सकती है।