राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Tue, 08 Feb 2022 12:00 PM IST
सार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए यह अर्जी भी वहीं दायर की जाए।
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विस्तार
जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आखिर संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत दायर इस तरह की याचिका पर सुनवाई कैसे की जा सकती है। पीठ ने आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा, ‘हम याचिका की सुनवाई के इच्छुक नहीं हैं। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए। आजम खान हाईकोर्ट जाकर जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं।’
सिब्बल बोले-आखिर हम कहां जाएं
जवाब में सिब्बल ने कहा, ‘हम हाईकोर्ट भी गए थे। किसी न किसी वजह से सुनवाई टल गई। तीन बार जल्द सुनवाई की मांग भी की। महीनों से सुनवाई नहीं हुई है। आखिर हम कहां जाएं।’
सिब्बल ने कहा कि खान पर 87 मुकदमे दर्ज हैं। 83 मामलों में जमानत मिल चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि आजम खान ने कुछ नहीं किया है, फिर भी वह जेल में हैं। रातोंरात 25 मुकदमे दर्ज किए गए। राज्य नहीं चाहता है कि आजम खान चुनाव प्रचार करें।
अदालत में राजनीति न लाएं
इस पर जस्टिस राव ने सिब्बल से कहा,’कृपया राजनीति को अदालत में न लाएं।’ जवाब में सिब्बल ने कहा, ‘राजनीति आपके सामने हैं।’ पीठ ने कहा कि हम इस पर सुनवाई नहीं कर सकते।
याचिकाकर्ता जमानत के लिए संबंधित अदालत से संपर्क कर सकते हैं और जल्द सुनवाई करने की मांग कर सकते हैं।
फर्जीवाड़े और भूमि पर अवैध कब्जे के आरोपों में घिरे आजम खान दो साल से यूपी की सीतापुर जेल में बंद हैं। आजम खान यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।