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Union Budget 2022: कोरोना की मार से बेहाल हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बूस्ट की उम्मीद, सामने रखी ये मांगें

Union Budget 2022: कोरोना की मार से बेहाल हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बूस्ट की उम्मीद, सामने रखी ये मांगें

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sun, 30 Jan 2022 03:54 PM IST

सार

Hospitality Sector Hopes From budget 2022: वैसे तो कोरोना की मार हर क्षेत्र पर पड़ी है लेकिन इस महामारी काल ने देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कमर तोड़कर रख दी। ऐसे में बजट 2022 से इस क्षेत्र को तत्काल राहत उपाय की खासी उम्मीदें हैं। वित्त मत्री के सामने रखी मांगों मे प्रमुख न्यूनतम ब्याज दर के साथ लोन मोरेटोरियम दिया जाना है। होटल संगठनों ने इसके अलावा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए टैक्स हॉलिडे और इंफ्रा स्टेटस भी दिए जाने की मांग उठी है।

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वैसे तो कोरोना की मार हर क्षेत्र पर पड़ी है लेकिन इस महामारी काल ने देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कमर तोड़कर रख दी। ऐसे में बजट 2022 से इस क्षेत्र को तत्काल राहत उपाय की खासी उम्मीदें हैं। वित्त मत्री के सामने रखी मांगों मे प्रमुख न्यूनतम ब्याज दर के साथ लोन मोरेटोरियम दिया जाना है। होटल संगठनों ने इसके अलावा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए टैक्स हॉलिडे और इंफ्रा स्टेटस भी दिए जाने की मांग उठी है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्ट्रोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, पूरी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री भारी खतरे है। सिर्फ एक विशेष राहत पैकेज ही इसमें फिर से जान फूंक सकता है।

कोरोना काल में हुआ भारी नुकसान
अनुमान के मुताबिक, देश भर में कोरोना के प्रकोप को काबू में करने के लिए लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। बता दें कि बता दें कि एफएचआरएआई से 55,000 से ज्यादा होटल संचालक जुड़े हैं। उसने मांग की है कि हॉटेल सेक्टर को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत लिए गए लोन पर निम्नतम कम से कम 1 साल का मोरेटोरियम एक्सटेंशन मिलना चाहिए। 

ट्रैवल-टूरिज्म सेक्टर को राहत की आस
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के साथ- साथ कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 में देश की जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले ट्रैवल व टूरिज्म सेक्टर को भी आगामी बजट में लोन मोरेटोरियम की सुविधा मिलने की उम्मीद है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगो को आस है कि इन सेक्टर के लिए विशेष लोन की भी घोषणा वित्त मंत्री की ओर से की जा सकती है। वित्त वर्ष 2019-20 में अकेले टूरिज्म सेक्टर में 3.9 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी और अब तीसरी लहर की वजह से ट्रैवल व टूरिज्म उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 

सेक्टर की ओर से ये मांगे भी उठीं
इस सेक्टर से जुड़े लोगों की मांग है कि सरकार को कुछ खास समय के लिए हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल-टूरिज्म इंडस्ट्रीज के लिए जीएसटी रिफंड का प्रावधान करना चाहिए। जिससे की कोविड के बाद देश में टूर और टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना से हलाकान इस इंडस्ट्रीज को कम से कम 1 साल काटैक्स हॉलिडे भी मिलना चाहिए। सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में इन सेक्टर के लिए अलग से लोन का फंड भी बनाया जा सकता है और इन्हें कम ब्याज पर पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाला लोन दिया जा सकता है ताकि ये अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सके।

विस्तार

वैसे तो कोरोना की मार हर क्षेत्र पर पड़ी है लेकिन इस महामारी काल ने देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कमर तोड़कर रख दी। ऐसे में बजट 2022 से इस क्षेत्र को तत्काल राहत उपाय की खासी उम्मीदें हैं। वित्त मत्री के सामने रखी मांगों मे प्रमुख न्यूनतम ब्याज दर के साथ लोन मोरेटोरियम दिया जाना है। होटल संगठनों ने इसके अलावा हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए टैक्स हॉलिडे और इंफ्रा स्टेटस भी दिए जाने की मांग उठी है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्ट्रोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, पूरी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री भारी खतरे है। सिर्फ एक विशेष राहत पैकेज ही इसमें फिर से जान फूंक सकता है।

कोरोना काल में हुआ भारी नुकसान

अनुमान के मुताबिक, देश भर में कोरोना के प्रकोप को काबू में करने के लिए लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। बता दें कि बता दें कि एफएचआरएआई से 55,000 से ज्यादा होटल संचालक जुड़े हैं। उसने मांग की है कि हॉटेल सेक्टर को इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत लिए गए लोन पर निम्नतम कम से कम 1 साल का मोरेटोरियम एक्सटेंशन मिलना चाहिए। 

ट्रैवल-टूरिज्म सेक्टर को राहत की आस

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के साथ- साथ कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 में देश की जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले ट्रैवल व टूरिज्म सेक्टर को भी आगामी बजट में लोन मोरेटोरियम की सुविधा मिलने की उम्मीद है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगो को आस है कि इन सेक्टर के लिए विशेष लोन की भी घोषणा वित्त मंत्री की ओर से की जा सकती है। वित्त वर्ष 2019-20 में अकेले टूरिज्म सेक्टर में 3.9 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था। लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर के बाद दूसरी और अब तीसरी लहर की वजह से ट्रैवल व टूरिज्म उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 

सेक्टर की ओर से ये मांगे भी उठीं

इस सेक्टर से जुड़े लोगों की मांग है कि सरकार को कुछ खास समय के लिए हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल-टूरिज्म इंडस्ट्रीज के लिए जीएसटी रिफंड का प्रावधान करना चाहिए। जिससे की कोविड के बाद देश में टूर और टूरिज्म सेक्टर को बढ़ावा मिल सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना से हलाकान इस इंडस्ट्रीज को कम से कम 1 साल काटैक्स हॉलिडे भी मिलना चाहिए। सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में इन सेक्टर के लिए अलग से लोन का फंड भी बनाया जा सकता है और इन्हें कम ब्याज पर पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाला लोन दिया जा सकता है ताकि ये अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सके।

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