टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Fri, 25 Feb 2022 02:06 PM IST
सार
यूक्रेन से अमेरिका सेमीकंडक्टर ग्रेड नियॉन का 90 फीसदी आयात करता है। अमेरिका, रूस से भी 35 फीसदी तक पैलेडियम का आयात करता है। चिपसेट या सेमीकंडक्टर के निर्माण में ग्रेड नियॉन और पैलेडियम दोनों का ही अहम रोल है।
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विस्तार
रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा कर लिया है और इसी बीच खबर है कि 10 हजार से अधिक पैराट्रूपर्स यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अगवा करने की योजना बना रहे हैं। रूस की ओर से यूक्रेन पर लगातार साइबर अटैक भी किए जा रहे हैं। यूक्रेन और रूस की लड़ाई का असर टेक इंडस्ट्री पर भी होने वाला है।
चिपसेट की कमी से पहले से ही जूझ रही दुनिया
चिपसेट की कमी पिछले दो साल पूरी दुनिया में हो रही है। चिपसेट की कमी के कारण ही कई कंपनियों के गैजेट पिछले कुछ महीनों में महंगे हुए हैं। अब यूक्रेन और रूस के इस युद्ध का असर चिपसेट इंडस्ट्री को और तबाह कर सकता है जिसके बाद स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और टीवी जैसे गैजेट महंगे हो सकते हैं। इसका असर इलेक्ट्रिक व्हिकल पर भी पड़ेगा।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन से अमेरिका सेमीकंडक्टर ग्रेड नियॉन का 90 फीसदी आयात करता है। अमेरिका, रूस से भी 35 फीसदी तक पैलेडियम का आयात करता है। चिपसेट या सेमीकंडक्टर के निर्माण में ग्रेड नियॉन और पैलेडियम दोनों का ही अहम रोल है। युद्ध की वजह से इन दोनों की सप्लाई प्रभावित होगी जिसके बाद सेंसर से लेकर मेमोरी समेत कई प्रोडक्ट का प्रोडक्शन भी ठप पड़ जाएगा।
इस मामले पर अवनीत सिंह मारवाह, सीईओ एसपीपीएल, भारत में थॉमसन के अनन्य ब्रांड लाइसेंसधारी ने अमर उजाला से कहा, ‘दोनों देशों के बीच अशांति के कारण कच्चे माल की कीमतों पर बड़ा असर पड़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि होगी। इसके अलावा आपूर्ति और लॉजिस्टिक समस्या के कारण प्रोडक्शन भी प्रभावित हो सकता है।’