ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Fri, 25 Feb 2022 02:07 PM IST
सार
शनि देव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता। आइए जानते हैं आखिर भगवान शनिदेव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता और मूर्ति की पूजा करने की सही विधि क्या है।
Shani Dev: ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। शनि देव को सभी ग्रहों में क्रूर और अशुभ छाया वाला ग्रह माना गया है ,लेकिन ऐसा नहीं है। शनि देव कर्मप्रधान देवता हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में शनिदेव शुभ भाव में विराजमान है या फिर जातक अच्छे कर्म करता है तो शनिदेव की शुभ छाया रहती है। शनिदेव ऐसे जातकों को हमेशा धन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर जातक की कुंडली में शनि अशुभ भाव में विराजमान है या शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो तो कई तरह की परेशानियां आती हैं। इतना होने के बाद भी शनि देव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता। आइए जानते हैं आखिर भगवान शनिदेव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता और मूर्ति की पूजा करने की सही विधि क्या है।
शनिदेव को मिला था श्राप
ब्रह्मपुराण के अनुसार शनि देव को उनकी पत्नी ने क्रोध में आकर श्राप दिया था कि वह जिस पर भी अपनी दृष्टि डालेंगे उनका अनिष्ट हो जाएगा। यही कारण है की गर में शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर नहीं रखी जाती, ताकि लोग उनकी कुदृष्टि से बचे रहें।
कैसे करें शनिदेव की मूर्ति पूजा
- शनि देव की पूजा करते समय भी कभी भी उनकी मूर्ति के सीधे सामने खड़े होकर उनके दर्शन नहीं करने चाहिए।
- हमेशा मूर्ति के दाएं या बाईं ओर खड़े होकर शनि देव के दर्शन करने चाहिए।
- शनि देव की दृष्टि से बचने के लिए बेहतर है कि शनि देव की मूर्ति की बजाय उनके शिला रूप के दर्शन करने चाहिए।
- इसके साथ ही शनि देव की कृपा पाने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें, शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- जो श्रद्धालु गरीबों, असहायों की मदद करने और उनकी सेवा करते हैं उनसे भी शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं।
विस्तार
Shani Dev: ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं। शनि देव को सभी ग्रहों में क्रूर और अशुभ छाया वाला ग्रह माना गया है ,लेकिन ऐसा नहीं है। शनि देव कर्मप्रधान देवता हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में शनिदेव शुभ भाव में विराजमान है या फिर जातक अच्छे कर्म करता है तो शनिदेव की शुभ छाया रहती है। शनिदेव ऐसे जातकों को हमेशा धन और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर जातक की कुंडली में शनि अशुभ भाव में विराजमान है या शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही हो तो कई तरह की परेशानियां आती हैं। इतना होने के बाद भी शनि देव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता। आइए जानते हैं आखिर भगवान शनिदेव की मूर्ति को घर में नहीं रखा जाता और मूर्ति की पूजा करने की सही विधि क्या है।
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