न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Sun, 30 Jan 2022 08:47 AM IST
सार
महात्मा गांधी की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही है। पीएम मोदी और कई नेता राजघाट पर आज श्रद्धांजलि देंगे। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंदुत्ववाद पर ट्वीट कर सियासत गरमा दी है।
राजघाट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी
– फोटो : ANI
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर एक बार फिर से सियासी माहौल को गरमा दिया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी। सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!’ बता दें कि राहुल गांधी इससे पहले भी हिंदुत्ववाद को लेकर हमला बोलते आए हैं। इससे पहले 29 दिसंबर को राहुल गांधी ने कांग्रेस तीन दिवसीय कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि जो लोग हिंदुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे किसी के सामने झुकते हैं – वे अंग्रेजों के सामने झुकते थे और वे पैसे के सामने झुकते हैं क्योंकि उनके दिल में कोई सच्चाई नहीं है।
महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा देश
भारत की स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायक मोहनदास करमचंद गांधी(महात्मा गांधी) की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई थी। देश इस साल गांधी जी की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री से लेकर देश के कई वरिष्ठ नेता राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। महात्मा गांधी ने देश के लिए जो किया उसे देश सदियों तक याद रखेगा। उनके आदर्शों, अहिंसा की प्रेरणा, सत्य की ताकत ने अंग्रेजों को भी झुकने को मजबूर कर दिया। उनके इसी योगदान के कारण गांधीजी आज महात्मा गांधी के नाम से जाने जाते हैं।
30 जनवरी 1948 को हुई थी महात्मा गांधी की हत्या
बाद में 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। अहिंसा का संदेश देने वाले इस महान विभूति के जीवन का अंत होने के बाद देशवासियों ने मन ही मन गांधीजी को राष्ट्रपिता मान लिया।
सुभाष चंद्र बोस ने कहा था पहली बार राष्ट्रपिता
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच के मतभेदों की बात कही जाती है लेकिन सबसे पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना करते हुए महात्मा गांधी से आशिर्वाद मांगा था। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि ‘हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।’
विस्तार
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर एक बार फिर से सियासी माहौल को गरमा दिया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी। सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!’ बता दें कि राहुल गांधी इससे पहले भी हिंदुत्ववाद को लेकर हमला बोलते आए हैं। इससे पहले 29 दिसंबर को राहुल गांधी ने कांग्रेस तीन दिवसीय कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि जो लोग हिंदुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे किसी के सामने झुकते हैं – वे अंग्रेजों के सामने झुकते थे और वे पैसे के सामने झुकते हैं क्योंकि उनके दिल में कोई सच्चाई नहीं है।
महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा देश
भारत की स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायक मोहनदास करमचंद गांधी(महात्मा गांधी) की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई थी। देश इस साल गांधी जी की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री से लेकर देश के कई वरिष्ठ नेता राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। महात्मा गांधी ने देश के लिए जो किया उसे देश सदियों तक याद रखेगा। उनके आदर्शों, अहिंसा की प्रेरणा, सत्य की ताकत ने अंग्रेजों को भी झुकने को मजबूर कर दिया। उनके इसी योगदान के कारण गांधीजी आज महात्मा गांधी के नाम से जाने जाते हैं।
30 जनवरी 1948 को हुई थी महात्मा गांधी की हत्या
बाद में 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। अहिंसा का संदेश देने वाले इस महान विभूति के जीवन का अंत होने के बाद देशवासियों ने मन ही मन गांधीजी को राष्ट्रपिता मान लिया।
सुभाष चंद्र बोस ने कहा था पहली बार राष्ट्रपिता
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच के मतभेदों की बात कही जाती है लेकिन सबसे पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना करते हुए महात्मा गांधी से आशिर्वाद मांगा था। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि ‘हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।’
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