स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Rajeev Rai
Updated Tue, 25 Jan 2022 10:20 PM IST
सार
केंद्र सरकार की तरफ से 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हो चुकी है। इसमें शंकरनारायण मेनन चुंडायिल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। शंकरनारायण मेनन इस वक्त केरल में वल्लभट्ट कलारी के मुख्य प्रशिक्षक और वर्तमान गुरुक्कल हैं, जिनके नेतृत्व में करीब 100 युवा प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं।
शंकरनारायण मेनन चुंडायिल
– फोटो : social media
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विस्तार
कौन हैं शंकरनारायण मेनन चुंडायिल?
शंकरनारायण मेनन इस वक्त केरल में वल्लभट्ट कलारी के मुख्य प्रशिक्षक और वर्तमान गुरुक्कल हैं, जिनके नेतृत्व में करीब 100 युवा प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं। शंकरनारायण कलारी को सीखाने वाले मुदावंगटिल परिवार के सबसे वरिष्ठ व्यक्ति हैं। परिवार के पास मालाबार में वेट्टथु नाडु के राजा की सेना का नेतृत्व करने की विरासत है।
मेनन की उम्र आज 93 साल हो गई है लेकिन वह आज भी तय दिनचर्या और अनुशासन के साथ अपना जीवन जी रहे हैं। वह रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे उठते हैं और छह बजे ट्रेनिंग सेंटर पहुंचकर दो घंटे की ट्रेनिंग देते हैं। वह समय से उठने और समय से सोने की नीति का पूरी तरह से पालन करते है।
उन्नी गुरुक्कल और उनके बच्चों ने कलारीपयट्टू को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर विदेशों की यात्रा की है, ब्रिटेन, यूएस, फ्रांस, बेल्जियम और श्रीलंका जैसे देशों में नए वल्लभट्ट केंद्र शुरू किए हैं। अब तक, वल्लभट्ट कलारी दुनिया भर में 17 शाखाओं में 5,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करता है।
क्या होता है कलारीपयट्टू?
यह एक भारतीय युद्ध कला है जिसकी शुरुआत दक्षिण भारत में मुख्यत: केरल में हुई। आधुनिक दौर में इसे मार्शल आर्ट का एक प्रकार भी बताया जाता है। इस युद्धकला में मुख्यतौर पर बचाव के तरीके सिखाए जाते हैं।